रिपोर्ट: अरुण यादव

आज़मगढ़। गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद  जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय ने मंगलवार को चार आरोपियों को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास तथा प्रत्येक पर आठ आठ हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की आधी राशि वादी मुकदमा को बतौर क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार दीदारगंज थाना क्षेत्र के सिसवारा गांव में लालबहादुर अपना घर बनवा रहे थे।बारजा निकालने के विवाद में 10 फरवरी 2016 की अपराह्न 3:30 बजे पड़ोस के रामदास, भीष्म राजभर, रविंद्र राजभर तथा उनके एक रिश्तेदार अशोक निवासी भरेठी थाना सराय ख्वाजा जिला जौनपुर ने लाल बहादुर को लाठी डंडा से बुरी तरह से मारापीटा। घायल लाल बहादुर का इलाज के दौरान 15 फरवरी 2016 को शहर के एक निजी नर्सिंग होम में निधन हो गया। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी चारों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी तथा शिवाश्रय राय ने वादी मुकदमा चंद्रेश राजभर समेत कुल 11 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया।

दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी भीष्म राजभर, रामदास राजभर, रविंद्र राजभर तथा अशोक को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास तथा प्रत्येक को 8-8 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।