69000 शिक्षक भर्ती मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच में आज इस मामले पर सुनवाई होनी थी। किंतु समयाभाव के कारण केस की सुनवाई नहीं हो सकी। वहीं अगली तिथि 19 नवंबर प्रस्तावित की गई है।

69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण में गड़बड़ी के आरोप आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लगा रहे हैं और इस मामले की लड़ाई वह चार साल से लड़ रहे हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय देते हुए पुरानी सभी सूची निरस्त करते हुए नई सूची जारी करने के निर्देश दिए थे।

इसे लेकर चयनित वर्ग के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश पर नौ सितंबर को सुनवाई के बाद रोक लगा दी थी। साथ ही 23 सितंबर को सुनवाई के लिए अगली तिथि तय की थी। किंतु 23 सितंबर को सुनवाई नहीं हो सकी थी। इस मामले में अगली तारीख 15 अक्तूबर तय की गई थी। 15 अक्तूबर को भी सुनवाई नहीं हो पाई थी। इसके बाद अगली तिथि 12 नवंबर मंगलवार लगी थी।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि आज सुनवाई का नंबर नहीं आया। इससे सभी पक्षकारों को निराशा हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि जब इस परीक्षा का परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया। उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया के बाद बीते 13 अगस्त को लखनऊ हाईकोर्ट डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया। किंतु सरकार की हीला हवाली से मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। वहीं चयनित अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे विनय पांडेय ने बताया कि आज सुनवाई नहीं हो सकी है। अगली सुनवाई 19 नवंबर को प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में जल्द निर्णय होगा।