
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने राजपूत शासक रहे राणा सांगा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि राणा सांगा ने देश के साथ गद्दारी की थी और उन्होंने ही बाबर को देश पर हमले के लिए आमंत्रित किया था। इस पर भाजपा समेत कई दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने तो कहा था कि सपा के कुछ नेताओं में दैत्य गुरु शुक्राचार्य की आत्मा घुस गई है। अब कुंडा के विधायक राजा भैया ने भी तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर विस्तृत टिप्पणी करके रामजी लाल सुमन को खूब सुनाया है। उन्होंने लिखा है कि अब दौर आ गया है कि सत्य इतिहास का पुनर्लेखन किया जाए।
राजा भैया ने लिखा, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में राणा सांगा के विषय में जो अभद्र टिप्पणी की है, वो सत्य से परे तो है ही, हर देशभक्त, हर राष्ट्रवादी के लिए बहुत ही कष्टप्रद है। राणा संग्राम सिंह जिन्हें हम राणा सांगा के नाम से जानते हैं, उन्होंने राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए अनेक लड़ाइयाँ लड़ीं और जीतीं। महाराणा होते हुए भी युद्ध में सबसे आगे की पंक्ति में लड़ने वाले राणा सांगा ने शरीर पर 80 से अधिक घाव खाये, उनकी एक आंख और एक हाथ भी जाते रहे, लेकिन उनकी पीठ पर एक भी घाव नहीं था। तुष्टिकरण के चलते हमारे महानायकों को खलनायक और गद्दार कहा जा रहा है।’
रघुराज प्रताप सिंह लिखते हैं, ‘देश का दुर्भाग्य है कि औरंगज़ेब जैसे आततायी और बर्बर शासक का महिमामंडन करने के लिए कुछ लोग अपने ही महानायकों को छोटा दिखाने की होड़ में लगे हैं। कुंठित लोग राजनैतिक स्वार्थ वश, तुष्टिकरण के उद्देश्य से चाहे जो भी आरोप लगायें किंतु राणा सांगा देशभक्तों, राष्ट्रवादियों के लिए प्रातःस्मर्णीय रहेंगे, सम्मान और श्रद्धा के पात्र रहेंगे। कैसी विडंबना है जिसने अपने पिता को क़ैद किया, भाइयों की हत्या करके कुत्तों को खिला दिया ऐसे औरंगज़ेब को चाहने वाले भी इस देश में हैं, जो अपने ही महानायकों के गौरवशाली इतिहास को झुठला रहे हैं। इतिहास के सत्य पुनर्लेखन का युग आ चुका है।’