
आजमगढ़। पिता की हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 6 संतोष कुमार यादव की अदालत ने दोषी पुत्र को आजीवन कारावास तथा बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा इसरावती निवासी जिवली थाना बरदह जनपद आज़मगढ़ के पति बालकिशन टाइल्स लगाने का काम करते थे। बालकिशन 17 अगस्त 2022 को टाइल्स का काम करने के लिए जौनपुर गए थे। उसी रात को घर लौटने पर रात लगभग दस बजे बालकिशन अपने लड़के बबलू को खाना लेकर पाही स्थित मंड़ई पर गए। खाना देर से लेकर आने पर बबलू अपने पिता बालकिशन पर क्रोधित हो उठा और उन पर डंडा तथा ईंट से हमला कर दिया। जिससे बालकिशन की मृत्यु हो गई। बालकिशन पर हमले के वक्त गांव के एक व्यक्ति ने इसरावती को फोन किया कि बबलू बालकिशन को बेरहमी से पीट रहा है। इसरावती जब घटना स्थल पर पहुंची तब देखा कि बबलू पिता बालकिशन की लाश को पोखरे में फेंक रहा है। इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद बबलू के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया।
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता विपिन कुमार गिरि ने कुल आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने पिता के हत्यारे पुत्र बबलू को आजीवन कारावास तथा बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।