
लखनऊ। इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक प्रकाश के निलंबन के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला। सपा प्रमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री का खास करीबी आइएएस अधिकारी भ्रष्टाचार में फरार है, अंडरग्राउंड है। सुनने में तो आ रहा है कि वह सीएम आवास और सीएम कार्यालय में छिपा है।
अखिलेश ने कहा कि पता चल रहा है कि उनके पास सात सौ बीघा जमीन, कई मकान, कई प्लाट हैं। वह मुख्यमंत्री का खासमखास है। अच्छी पोस्टिंग में रहा है। भाजपा सरकार में निवेश के बहाने अपना निवेश चल रहा है। ये झगड़ा कमीशन का नहीं है। जब बंटवारे में झगड़ा हुआ तो बात खुली है। सरकार को पता ही नहीं कब से यह बंटवारा चल रहा है। पड़ोसी राज्य में एक अधिकारी के यहां से 50 करोड़ मिले थे। उसमें क्या हुआ?
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि लखनऊ में केवल एक अधिकारी नहीं, भाजपा के चुने हुए लोग और नेता मोहनलालगंज और सरोजनी नगर में जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। अब तो भाजपा के विधायक भी खुलेआम भ्रष्टाचार और लूट के आरोप लगा रहे हैं। अयोध्या में एक एसडीएम ने शिवम यादव को प्रताड़ित किया। बाल कटवा दिया, उसकी जान चली गई। अब सपा के नेता-कार्यकर्ता गांव-गांव, घर-घर जाकर भाजपा की नाकामियों, भ्रष्टाचार, लूट और अन्याय को बताएंगे।
वो रोज पलटते हैं, अब सुमन ने भी पलट दिया है इतिहास का पन्ना
सपा के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए बयान पर विवाद को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा इतिहास के पन्ने पलट रही है। उन्हीं इतिहास के कुछ पन्नों को रामजी लाल सुमन ने भी पलट दिया। मेरा भाजपा से कहना है कि इतिहास के पन्ने पलटना बंद करें। अगर पन्ने पलटेंगे तो उसमें यह भी है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक नहीं होने दिया गया था। क्या भाजपा उसकी निंदा करेगी? छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक जब हुआ तो हाथ के बजाय बांये पैर के अंगूठे से तिलक हुआ था, क्या उसके लिए भाजपा माफी मांगेगी? इतिहास हमने नहीं लिखा, यह 200-300 साल पहले लिखा गया है। अगर इतिहास गलत है तो उसे हटाइए, लेकिन सच्चाई को दबाने की कोशिश मत कीजिए।