संभल। जामा मस्जिद सर्वे के बाद हुई हिंसा में पाकिस्तान और अमेरिका के कारतूसों के इस्तेमाल की पुष्ट के बाद पुलिस और जांच टीमें उन हथियारों की तलाश में जुटी हैं, जिनसे इन्हें चलाया गया। इस बीच बृहस्पतिवार को जांच टीम को कोटगर्वी स्थित नीम वाली जियारत के पास दो कारतूस और दो खोखे मिले हैं। इनमें एक कारतूस और एक खोखा अमेरिका निर्मित 7.65 एमएम का है। यह इलाका जामा मस्जिद से बमुश्किल 500 मीटर दूर है। उधर, जुमे नमाज और छह दिसंबर को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट है। जामा मस्जिद के पास और शहर में जगह-जगह पुलिस, पीएसी, आरएएफ व आरआरएफ तैनात कर दी है।
एसपी विश्नोई के अनुसार, अभी तक की जांच में तीन कारतूस और सात खोखे मिल चुके हैं। इसमें पाकिस्तान निर्मित 9 एमएम का एक खोखा और एक कारतूस के अलावा अमेरिका निर्मित 312 बोर का एक खोखा व एक कारतूस मंगलवार को बरामद किया गया था। स्थानीय फॉरेंसिक टीम ने विदेशी कारतूस और खोखे सील कर दिए हैं। छानबीन पूरी होने के बाद इन्हें जांच के लिए बैलिस्टिक्स विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा। एसपी ने बताया कि 24 नवंबर को उपद्रव करने के बाद उपद्रवी हाफिजो वाली मस्जिद की सड़क से नीम वाली जियारत की ओर भागे थे। इसके बाद नखासा तिराहे पर पुलिस टीम पर पथराव किया गया था। पुलिस ने नखासा तिराहा से खदेड़ा तो हिंदूपुरा खेड़ा इलाके में पथराव किया गया था। इन उपद्रवियों ने विदेशी हथियार इस्तेमाल किए हैं। इसके प्रमाण पुलिस की छानबीन में मिल रहे हैं। खोखे मिलने से स्पष्ट हो गया है कि हथियार चलाए गए। अब सवाल यह है कि विदेशी हथियार संभल तक कैसे पहुंचे?