आजमगढ़। जिले के सठियांव गांव में कब्रिस्तान की जमीन को लेकर चल रहे विवाद ने सोमवार को फिर से तूल पकड़ लिया। लंबे समय से राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण यह विवाद लगातार गरमा रहा है। सोमवार सुबह जोगी बस्ती के एक पक्ष ने एक शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में गड्ढा खोदना शुरू किया, तो दूसरे पक्ष ने इसका विरोध करते हुए उन्हें रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्ष चौकी पहुंचे, जहां लेखपाल खुशी सिंह भी मौजूद थीं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।
मामला उप जिलाधिकारी (सदर) सुनील कुमार धन्वंता के सामने पहुंचा। उन्होंने दोनों पक्षों को बुलाकर समझाया कि पहले से जहां शवों को दफन किया जाता रहा है, वहीं दफन करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि ग्राम सभा द्वारा प्रस्तावित गाटा संख्या 68 की जमीन का सीमांकन कल करवाकर उसे कब्रिस्तान के नाम पर आवंटित कर दिया जाएगा।
बताते चलें कि सठियांव में जोगी बस्ती के लोग काफी समय से पुलिस चौकी के पास शवों को दफनाते आ रहे थे। जैसे-जैसे आबादी बढ़ी, जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया। एक पक्ष का दावा है कि कब्रिस्तान की जमीन गाटा संख्या 292 में है, जबकि दूसरा पक्ष इसे गाटा संख्या 293 का हिस्सा मानता है। इस विवाद के कारण कब्रिस्तान में शव दफनाने का मामला हर बार विवाद का कारण बन जाता है।
वहीं ग्राम प्रधान अमित राय ने कहा कि राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण यह विवाद उत्पन्न हुआ है। ग्राम पंचायत ने गाटा संख्या 68 को कब्रिस्तान के लिए प्रस्तावित किया था, पर उसका सीमांकन नहीं कराया गया। इसके साथ ही, लेखपाल द्वारा दोनों पक्षों को अलग-अलग जानकारी देने से लोगों में भ्रम और नाराजगी है। सोमवार को जब्बार पुत्र सफ्फर का निधन हो गया। जब परिजन शव को दफनाने के लिए गड्ढा खोदने गए, तो विरोध होने के बाद मामले को लेकर सभी लोग स्थायी समाधान चाहते थे।