लखनऊ। बहराइच जिले में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई धार्मिक हिंसा के मामले में दो सप्ताह बाद पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए हरदी और रामगांव थाने के 29 सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है।
सोमवार देर शाम पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा की गई कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। इसमें हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं। 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर उनकी जगह दूसरे पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
हालांकि पुलिस अधिकारी इसे रूटीन कार्रवाई बता रहे हैं। लेकिन चर्चा है कि घटना के बाद से ही पुलिसकर्मी भी जांच के घेरे में थे। जांच के बाद एसपी वृंदा शुक्ला ने यह कार्रवाई की है। इसमें 14 पुलिसकर्मी हरदी थाने के और 15 पुलिसकर्मी रामगांव थाने के हैं।
इन अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर गिर चुकी है गाज
बताते चले कि घटना के बाद पुलिस और प्रशासनिक महकमे की ओर से की गई यह पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध किया गया था। इसके अलावा सीओ रूपेंद्र गौड़ और हरदी थाना प्रभारी एसके वर्मा और महसी चौकी इंचार्ज अशोक कुमार को भी निलंबित किया गया था।
इसी तरह हिंसा के बाद महसी तहसील के तहसीलदार रविकांत द्विवेदी को तहसील से हटाकर जिलाधिकारी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनकी जगह नायब तहसीलदार सौरभ सिंह को तहसीलदार का प्रभार दिया गया है। हिंसा के बाद से पुलिस प्रशासनिक महकमे में तबादलों और कार्रवाई का दौर जारी है।