काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भोजपुरी अध्ययन केंद्र के समन्वक प्रो० प्रभाकर सिंह ने हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती,छायावादी युग की प्रख्यात कवयित्री ‘पद्म विभूषण’ महादेवी वर्मा की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के संयोजक/संस्थापक अरविंद चित्रांश के साथ मिलकर भोजपुरी भाषा, साहित्य एवं कला संस्कृति के सर्वांगीण विकास हेतु काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, भोजपुरी अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में किया जाएगा। इसके साथ भोजपुरी अध्ययन केंद्र के विद्वानों और शोधार्थियों द्वारा भाषा एवं साहित्य के साथ भोजपुरी क्षेत्र के विभिन्न कलाओं पर जोर देते हुए विदेशों में भी सम्मेलन करने का प्रयास किया जाएगा,
अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के संयोजक/संस्थापक एवं गौरवशाली पूर्वांचल के प्रधान संपादक एवं प्रभारी अरविंद चित्रांश द्वारा अपनी तीन पुस्तक पूर्वांचल का प्रसिद्ध लोकनाट्य “बिटिया की विदाई”, “भोजपुरी फिल्मों एवं लोक संगीत से भोजपुरी वासियों का सरोकार” एवं “गौरवशाली पूर्वांचल” भोजपुरी अध्ययन केंद्र के समन्वक प्रोफेसर प्रभाकर सिंह को भेंट किये। जहां पर भोजपुरी लोकनृत्य एवं साहित्य के विद्वान डॉ०उर्वशी गहलोत एवं डॉ० विश्वमौली आदि लोगों उपस्थित रहे। इस अवसर पर भोजपुरी के सशक्त विद्वान, पूर्व समन्यवक डॉ० सदानंद शाही के विशेष योगदानों की चर्चा की गई।