आजमगढ़। राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवगांव में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने के मामले में प्रशासनिक अधिकारी के बाद अब सहायक अध्यापिका पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, डीआईओएस उपेंद्र कुमार ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर आरोपी शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज कराने का अनुरोध किया था। इसके बाद देवगांव थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बताया गया कि वर्ष 2014-15 में संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ उत्तम गुलाटी ने 340 पदों पर सहायक अध्यापकों की नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया था। वर्ष 2015-16 में संयुक्त शिक्षा निदेशक अखिलेश पांडेय और राम चेत के कार्यकाल में 252 शिक्षकों की तैनाती हुई थी।
वर्ष 2020 में तत्कालीन संयुक्त निदेशक ए.पी. वर्मा के पास आठ शिक्षकों के खिलाफ फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने की शिकायत पहुंची थी, जिनको बर्खास्त किया गया था। संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी की जांच में मंडल के 22 शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए । जिनमें आजमगढ़ के 10, मऊ के 8 और बलिया के 4 शिक्षक शामिल थे।
जांच में सामने आया कि इन शिक्षकों ने मोनार्ड यूनिवर्सिटी, हापुड़ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी की फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी प्राप्त की थी। डीआईओएस के पत्र के आधार पर देवगांव कोतवाली पुलिस ने सहायक अध्यापिका प्रीति सिंह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है। देवगांव कोतवाल विमल प्रकाश राय ने बताया कि मामले की जांच जारी है।
चार दिन पूर्व इस प्रकरण में एक प्रशासनिक अधिकारी पर भी मुकदमा दर्ज किया गया था।
