रिपोर्ट: आशीष निषाद

अतरौलिया, आज़मगढ़। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले…” की पंक्तियों को साकार करते हुए शुक्रवार को मदियापार,अहिरौला मार्ग पर स्थित शहीद उपवन में 1962 के भारत–चीन युद्ध के अमर वीर शहीद भगवती प्रसाद सिंह के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्प और माल्यार्पण कर वीर सपूत को नमन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि राजाराम सिंह ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर तथा विशिष्ट अतिथि भाजपा लालगंज जिलाध्यक्ष विनोद राजभर मौजूद रहे। संचालन खालिद आजमी ने किया।


मुख्य अतिथि हुए भावुक, कहा“शहीदों के सम्मान में हर संभव कार्य करूंगा”
अरुण राजभर ने अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा, “मैं उस धरती और उस माँ को प्रणाम करता हूँ, जिसने ऐसा वीर सपूत जन्मा। देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के लिए मैं हर पल समर्पित हूँ।” उन्होंने शहीद परिवार को आश्वासन दिया कि हर जरूरत पर वे सदैव साथ खड़े रहेंगे।
विशिष्ट अतिथि विनोद राजभर ने कहा कि शहीद भगवती प्रसाद सिंह ने लद्दाख में माइनस तापमान में डटकर दुश्मन से मुकाबला किया। उन्होंने कहा कि आज देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और अधिक सशक्त हुआ है। कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स ने शहीद को सलामी दी।
आरपीएस पब्लिक स्कूल, नाउपुर के बच्चों ने देशभक्ति गीत और नाट्य प्रस्तुति देकर सभी को भावुक कर दिया। गायक कलाकार दुष्यंत शुक्ला के गीतों ने माहौल को ऊर्जावान कर दिया। कार्यक्रम में शहीद की एकमात्र पुत्री सुदामा देवी भी मौजूद रहीं। मंच से मुख्य अतिथियों द्वारा उन्हें अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया, इसी के साथ सभी आए हुए अतिथियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान उपस्थित जनसमूह भावुक हो उठा।
5 मई 1937 को साधारण कृषक परिवार में जन्मे शहीद भगवती प्रसाद सिंह बचपन से ही अनुशासन, परिश्रम और राष्ट्रभक्ति की मिसाल थे।
20 सितंबर 1962 को उनकी पुत्री का जन्म हुआ, लेकिन जन्म के डेढ़ महीने बाद ही युद्ध की पुकार पर वे सीमा पर लौट गए। विदा होते समय उनका अंतिम कथन—“अगली बार आऊंगा तो मेरी बिटिया मुझे पहचानने लगेगी…”आज भी लोगों के हृदय को द्रवित कर देता है।
इस अवसर पर जंग बहादुर सिंह, सुरेंद्र प्रताप सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, हरीश तिवारी, गुडलक सिंह, संतोष यादव, फूलचंद यादव, ज्ञानचंद, भालचंद्र त्रिपाठी, प्रवीण सिंह, मास्टर राजेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, कवि राहगीर , लक्ष्मण मौर्य,सत्य प्रकाश सिंह, मुन्नू सिंह, राजेश सिंह, अखंड सिंह व शहीद परिवार से भोजपुरी अभिनेता अथर्व सिंह, विपिन सिंह,
आदि भी शामिल हुए।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. राजेंद्र सिंह ने सभी आगंतुकों का अंगवस्त्र स्मृति चिन्ह देते हुए आभार जताया।