
आज़मगढ़़ । जिले में बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता ने डीएम पर डंडे से पिटाई का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। अधिशासी ने मामले की शिकायत चीफ इंजीनियर और लखनऊ के विभाग अध्यक्ष से की है। वहीं आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने सीएम से मामले की जांच की मांग की है। वही सोशल मीडिया में भी इस मामले की जमकर चर्चा रही।
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता अरुण सचदेव ने आरोप लगाया कि 27 मई 2025 को डीएम के ओएसडी के निरीक्षण में वे समय पर नहीं पंहुचे तो मेरी सैलरी पर रोक लगा दी गई थी। मैंने 28 मई को जिलाधिकारी को बताया कि मैं हाईकोर्ट की ओर से वांछित अभिलेख के संबंध में गोरखपुर में था। इसके बाद भी मेरा मई, 2025 का वेतन रोका गया।
इसके बाद 13 जून को मुख्य सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक बुलाई गई थी। इसमें डीएम ने बीते 5 सालों में बाढ़ प्रभावित गांव की संख्या और प्रभावित लोगों को कहां विस्थापित किया गया, इसकी सूची मांगी। इसी बैठक के बाद मुझे शाम को कैंप ऑफिस बुलाया गया। कैंप ऑफिस में उपस्थित होने पर स्टेनो द्वारा मोबाइल जमा करा लिया गया।
अधिशासी अभियंता का आरोप है कि जब वे आफिस के कमरे में पहुंचे तो जिलाधिकारी, आजमगढ़ उपस्थित नहीं थे, सम्भवतः वाशरूम में थे। जिलाधिकारी, आजमगढ़ के उपस्थित होने पर उन्होंने जिलाधिकारी महोदय का अभिवादन/सम्मान किया गया। लेकिन जिलाधिकारी उपस्थित होते ही उग्र स्वभाव में थे , जिलाधिकारी ने कहा कि तुम अपने आपको हीरो समझते हो, बड़े हीरो बने फिरते हो तुमसे बड़ा हीरो मैं हूं ।तुम उपजिलाधिकारी को लेटर लिखोगे तुम्हें तो मारना चाहिए और जिलाधिकारी, आजमगढ़ द्वारा उसे मारने के लिये हाथ उठा लिये फिर कहे कि तुम्हे हाथों से नहीं डंडे से मारना चाहिए एवं कक्ष में पूर्व से उपलब्ध डंडा उठा लिये। बावजूद मैं अपने आपको संयमित कर लिया कि उससे कोई अनहोनी न हो फिर जिलाधिकारी, द्वारा उसको दो-तीन डंडे मारकर यह कहा गया कि जा जिस बाप को बताना है बता दे कुछ नहीं कर पायेगा तथा कक्ष से बाहर कर दिया गया” । अधिशासी अभियंता ने मामले की शिकायत चीफ इंजीनियर और लखनऊ के विभाग अध्यक्ष से की है।
पीड़ित अधिशासी अभियंता ने कहा कि डीएम ने डंडे मारकर मेरे आत्मसम्मान को कुचला गया। इससे पहले भी उन्होंने मुझे अपमानित और दंडित करने का प्रयास किया था। मुझे अपमान का सामना करना पड़ रहा है। इससे मैं मानसिक और शारीरिक तनाव में हूं। ऐसी घटनाएं कर्मचारियों का मनोबल तोड़ रही हैं। अब मैं आजमगढ़ में काम नहीं कर सकता। मेरा ट्रांसफर कहीं और किया जाए।
आज़मगढ़ के डीएम रविंद्र कुमार ।। ने कहा- कुछ लोग काम में रुचि रखते हैं और विकास पर काम करते हैं। कुछ लोग राजनीति करते हैं। जिले में चाहे आईजीआरएस की रैंकिंग का मामला हो या फिर ग्रेडिंग का हो, सभी में लगातार सुधार हो रहा है। ऐसे में हमारा प्रयास है कि जो भी योजना-परियोजनाएं चल रही हैं, वह सुचारू रूप से बेहतर चलें। बाकी आप लोग सब जानते हैं।
इस मामले को लेकर अब आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने आज यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर बाढ़ खंड, आजमगढ़ के अधिशासी अभियंता अरुण सचदेव द्वारा डीएम आजमगढ़ रविन्द्र कुमार पर डंडों से पिटाई के अत्यंत गंभीर आरोपों की तत्काल जांच की मांग की है।
वहीं सोशल मीडिया X पर कुछ लोगों ने डीएम को ईमानदार बताया। डॉ0 एहताम सिद्दीकी ने लिखा कि
ईमानदार डीएम को बदनाम करने में जुटा इंजीनियर।
नवनीत मिश्रा नामक यूजर ने लिखा कि
जिलों में सिंचाई और बिजली विभाग के अधिकतर इंजीनियर इतने भ्रष्ट और बदतमीज़ होते हैं कि उनसे काम कराने में बड़े अधिकारी भी हाथ जोड़ लेते हैं। लेकिन, जब जनहित में कभी डीएम सख्ती बरतते हैं तो ऐसे इंजीनियर झूठे आरोप लगाकर विक्टिम कार्ड खेलते है। ग़ज़ब के मनबढ़ होते हैं। आज़मगढ़ में बाढ़ नियंत्रण की बैठकों से गायब रहने वाले और रिपोर्ट न देने वाले एक इंजीनियर की जब डीएम ने क्लास लगाई तो मारपीट/दुर्व्यवहार का आरोप लगा दिया।