रिपोर्ट: अरुण यादव

आजमगढ़। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) के बाबू की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा सामने आया है। गाड़ी मालिक को बिना जानकारी हुए उसकी वरना कार दूसरे व्यक्ति के नाम ट्रांसफर हो गई। इसकी जानकारी वाहन मालिक को तब हुई जब जम्मू कश्मीर में कार के ऑनलाइन चालान होने का मैसेज उसकी मोबाइल पर आया। पीड़िता की शिकायत पर सिधारी थाने की पुलिस ने इस मामले में आरटीओ कार्यालय में तैनात दो बाबू सहित पांच के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जांच में जुटी हुई है।

जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के कोकिलपार गांव निवासी नेहा अभी गुलामी का पूरा, डीह बाबा का स्थान के पास रहती हैं। उन्होंने सिधारी थाने में तहरीर देकर बताया कि उसके नाम पर कार पंजीकृत है। जिसे उसने एक निजी बैंक से लोन करके खरीदा था और लोन की किस्त उसके खाते से कट रही है। उसके पति सैय्यद मोहम्मद बेलाल के दोस्त जाबिर हुसैन हरियाणा के नूह जनपद के तौरु थाना क्षेत्र के डालावाश गांव के निवासी है। बताया कि उनके पति से मांग कर चलने के लिए गाड़ी ले जाते थे। 26 फरवरी 2023 को गाड़ी का आगरा एक्सप्रेस-वे पर चालान हो जाने की जानकारी उन्हें मोबाइल पर आए मैसेज से हुई। उस समय गाड़ी उसके पति के दोस्त जाबिर के पास थी। उसके बाद 15 नवंबर 2023 को गाड़ी की चालान जम्मू-कश्मीर में होने की जानकारी मिली। जब पति ने जाबिर से गाड़ी कई बार मांगी तो उसने फोन पर गालियां व जान मारने की धमकी दीं। इसके बाद पीड़िता एजेंसी में पता की तो यूपी 50 सीई 8256 का बीमा चेक किया तो एजेंसी वाले ने बताया कि इस नंबर की गाड़ी कोई पंजीकृत नहीं है। फिर एजेंसी वाले ने ही चेचिस नंबर से चेक किया तो पता चला कि गाड़ी का ट्रांसफर 21 अक्तूबर 2023 को साहिल साबिर मागरे, अनंतनाग जम्मू-कश्मीर को हो गया। इसके बाद में जाकर आरटीओ कार्यालय इस संबंध में प्रार्थना-पत्र दिया कि बिना मेरी जानकारी व हस्ताक्षर के वाहन का ट्रांसफर कैसे हो गया? तब पता चला कि जाबिर ने आरटीओ कार्यालय में नियुक्त बाबू विनोद कुमार, बाबू नन्हकू, दलाल अर्जुन व जाबिर हुसैन के मिली भगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर एनओसी जारी करके साहिल साबिर मागरे को ट्रांसफर कर दिया गया। पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने जाबिर हुसैन, विनोद कुमार, ननकू राम, अर्जुन गौड़, साहिल साबिर मागरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

एआरटीओ प्रशासन आजमगढ़ विष्णुदत्त मिश्र ने बताया कि मामला के बारे में पता करता हूं। यदि ऐसा हुआ है तो जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

 थानाध्यक्ष सिधारी शशिचंद चौधरी ने बतक़या कि एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि गाड़ी उसके नाम पर थी। किस्त भी वही भर रही थी। इसके बाद भी एआरटीओ कार्यालय में तैनात बाबू की मिलीभगत से गाड़ी किसी और के नाम ट्रांसफर कर दी गई। दो बाबू समेत पांच पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।