लखनऊ। राज्य कर विभाग के सबसे भ्रष्ट और खराब छवि वाले अधिकारियों की सूची शासन ने मांगी है। इस संबंध में प्रमुख सचिव राज्य कर एम देवराज ने समीक्षा बैठक में सभी जोनल आयुक्तों और संयुक्त आयुक्तों को निर्देश दिए हैं। प्रत्येक जिले में सचल दल और विशेष जांच दल (एसआईबी) के एक-एक सर्वाधिक भ्रष्ट अधिकारियों के नाम मांगे गए हैं।
जोनवार समीक्षा करते हुए प्रमुख सचिव ने प्रदेश के सभी अपर आयुक्त ग्रेड-1 और अपर आयुक्त ग्रेड-2 (एसआईबी) को निर्देश दिए कि एसआईबी और सचल दल के सबसे भ्रष्ट व खराब अधिकारियों के नाम तत्काल बताएं। जोन स्तर पर सबसे खराब परफार्मेंस और खराब छवि वाले अधिकारियों के नाम भी मांगे गए हैं। परफार्मेंस को लेकर उन्होंने एसआईबी और सचल दल के लिए मानक भी जारी कर दिए हैं। इनकी कसौटी पर फेल होने वाले अधिकारियों की सूची बनेगी। इसमें सबसे खराब परफार्मेंस वाले एक-एक अधिकारी का नाम शासन के पास भेजा जाएगा।
इस आदेश से जहां प्रदेश भर के राज्य कर कार्यालयों में खलबली मच गई है, वहीं अधिकारियों में फूट पड़ गई है। दरअसल एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1, ग्रेड-2 और ज्वाइंट कमिश्नरों से भ्रष्ट अधिकारियों की सूची मांगने से ये संदेश चला गया है कि ऊपर वाले पाक साफ हैं और केवल उपायुक्त, सहायक आयुक्त और वाणिज्य कर अधिकारी ही खराब व भ्रष्ट हैं।
विभाग में सबसे खराब शब्द को लेकर विवाद छिड़ गया है। परफार्मेंस के अलावा खराब शब्द को लेकर अधिकारियों का कहना है कि इसका कोई पैमाना ही नहीं है। वहीं, भ्रष्टाचार को लेकर उनकी दलील है कि जिस पर आरोप हैं, उसकी जांच की जाए। जांचें चल भी रही हैं। सालाना गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में उसका जिक्र भी होता है।