लखनऊ। अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही बहुजन समाज पार्टी में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मेरठ में पार्टी के तीन वरिष्ठ पदाधिकारियों को हटाने के बाद तमाम जोनल कोआर्डिनेटर हाईकमान के निशाने पर आ गए हैं। पार्टी नेतृत्व को उपचुनाव के नतीजों का इंतजार है जिसमें उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिलने पर हार का ठीकरा जोनल कोआर्डिनेटरों पर फोड़ा जा सकता है।
दरअसल, यूपी समेत कई राज्यों में बीते पांच सालों में हुए चुनावों के दौरान करारी शिकस्त मिलने के बाद बसपा में सब ठीक नहीं चल रहा है। जोनल कोआर्डिनेटर मनमानी पर उतारू हैं जिससे कार्यकर्ता निराश हैं। मेरठ की घटना से साफ हो गया कि अंदरखाने असंतोष बढ़ता जा रहा है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली को लेकर पार्टी में दो-फाड़ होने के आसार हैं। यही वजह है कि मेरठ के मंडल प्रभारी प्रशांत किशोर, जिला प्रभारी दिनेश काजीपुर और महावीर प्रधान को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो केवल मेरठ ही नहीं, प्रदेश के बाकी हिस्सों में भी इसी तरह कार्रवाई होने वाली है।
पहले टिकट, फिर शादी से मचा बवाल
बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुनकाद अली की बेटी सुम्बुल राणा को सपा ने मीरापुर से टिकट दे दिया जिसके बाद पार्टी में हड़कंप मच गया। सुम्बुल पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू हैं। वहीं दूसरी ओर बीते बृहस्पतिवार को मुनकाद अली के बेटे का निकाह था। चर्चा है कि मेरठ मंडल के बसपा नेताओं को इसमें शामिल हाेने से मना किया गया था। इसके बावजूद तमाम नेताओं ने निकाह में शिरकत की, जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गई है। इतना ही नहीं, निष्कासन से नाराज नेताओं ने इससे जुड़ी कॉल रिकार्डिंग को भी वायरल कर दिया।