उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव लड़ने वाली सपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में  कांग्रेस की बजाए शिवसेना से ज्यादा नजदीकी दिखा रही है। इस राज्य की चुनावी जंग में सपा पहले 25 से 30 सीटें लड़ने की चेतावनी दे रही थी लेकिन अब वह केवल सात सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अनुरोध पर अखिलेश यादव ने एक सीट पर अपने प्रत्याशी को हटा लिया लेकिन सात सीटों पर उसके प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें महाविकास अघाड़ी के पांच प्रत्याशी उन सीटों पर हैं जहां सपा ने अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं। अब महागठबंधन इसे फ्रेंडली फाइट बता रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे नंबर की पार्टी सपा को महाविकास अघाड़ी द्वारा कोई तवज्जो न दिए जाने से सपा के नेता खासे खफा भी हैं। इसका असर चुनाव में दिख सकता है।

सपा ने आठ सीटों भिवंडी ईस्ट, भिवंडी वेस्ट, तुलजापुर, परांदा, औरंगाबाद ईस्ट, मालेगांव सेंट्रल व धुले और भायखला सीट पर प्रत्याशी उतारे थे लेकिन भायखला सीट पर शिवसेना उद्धव भी लड़ रही है। भाजपा को शिकस्त देने के लिए वह चाहती है कि विपक्षी वोटों का बंटवारा न हो। इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अखिलेश यादव को फोन कर भायखला सीट छोड़ने का अनुरोध किया। इसे अखिलेश यादव ने मान लिया लेकिन महाविकास अघाड़ी ने केवल दो सीटों पर मानखुर्द शिवाजी नगर व भिवंडी ईस्ट पर ही प्रत्याशी नहीं उतारे हैं बाकी पांच पर प्रत्याशी उतार दिए हैं यानी इन पर महाविकास अघाड़ी व सपा प्रत्याशियों के बीच फ्रेंडली फाइट हो रही है।

अबु आजमी के लिए चुनौती बढ़ी

मानखुर्द शिवाजी नगर से पिछली बार जीते सपा महाराष्ट्र यूनिट अध्यक्ष अबु आसिम आजमी को इस बार सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम अल्पसंख्यक वोट साध कर चुनौती दे रही है। तो वहीं महायुति में शामिल अजित पवार की एनसीपी से नवाब मलिक भी चुनाव लड़ रहे हैं। नवाब मलिक खुद भी सपा में रहते हुए विधायक रह चुके हैं। यहीं नहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने सुरेश पाटिल को उतार दिया है। इस तरह महायुति से दो प्रत्याशी हो गए हैं।