रिपोर्ट: अरुण यादव

आजमगढ़। विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में फर्जी पाए गए मदरसों के संचालकों पर शनिवार को मुकदमा दर्ज हो सकता है। जिला अल्पसंख्यक कार्यालय में शुक्रवार को देर रात तक एसआईटी की टीम ने 220 मदरसा संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर तैयार करते रही।

जिले में 2010 में बिना मान्यता संचालित मदरसों का मामला प्रकाश में आया था। मदरसा पोर्टल पर जब मदरसों को अपलोड करवाया गया तो सैकड़ों मदरसों के कागजात में गड़बड़ी पाई गई। इसकी शिकायत शासन तक हुई। प्रदेश में योगी की सरकार बनने के बाद 2017 में अस्तित्वहीन, बिना मान्यता के चल रहे मदरसों की जांच की जिम्मेदारी एसआईटी को सौंपी गई। जांच के दौरान एसआईटी की टीम ने पाया कि 308 में से 219 मदरसे ऐसे हैं जो सिर्फ कागजों में संचालित हैं। मौके पर इनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। इनमें से 39 मदरसा संचालक तत्कालीन अधिकारियों, कर्मचारियों से मिली भगत कर आधुनिकीकरण योजना का लाभ भी ले चुके थे।
इन मदरसों के अलावा 72 मदरसे ऐसे पाए गए, जिनको नियमों को ताक पर रखकर मान्यता दी गई थी।
एसआईटी ने इसमें विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई थी। नवंबर 2022 में एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति भी कर दी थी, लेकिन फर्जी मदरसा संचालकों पर मुकदमा दर्ज कौन कराएगा।

इस संबंध में शासन स्तर से कोई पत्र न आने से मामला रुका हुआ था। शासन से निर्देश के बाद अब एसआईटी ने फर्जी मदरसा संचालकों पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए शुक्रवार देर शाम तक 220 फर्जी मदरसा संचालकों पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर तैयार कर किया। शुक्रवार को रात होने के कारण मुकदमा दर्ज नहीं हो सका।
शनिवार को फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू हो सकती है।