लखनऊ। उप्र. पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में पिछड़ी जाति में सूचीबद्ध कहार जाति को सूची से बाहर करने का मुद्दा उठाया गया। निर्णय लिया गया कि कहार जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची से बाहर करने का कोई औचित्य नहीं है। इसे यथावत रखने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा विमुक्त घुमंतू जनजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने पर भी विचार हुआ। बृहस्पतिवार को आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, सदस्य सूर्य प्रकाश पाल, अन्य सदस्यगण और सचिव मनोज कुमार सागर उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) से संबंधित जातियों के सम्मिलन, निष्कासन, विकास और उत्थान से जुड़े मामलों पर विचार करना था।
राज्य में तेल घानी व्यवसाय से जुड़े लोगों के विकास और उनके हितों की रक्षा के लिए राज्य तेल घानी बोर्ड के गठन का प्रस्ताव बैठक में प्रस्तुत किया गया। निर्णय लिया कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाकर आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त अन्य पिछड़े वर्गों के लिए नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाण पत्र प्राप्त करने में हो रही कठिनाइयों का मुद्दा उठा। पाया गया कि प्रमाण पत्र के वर्तमान प्रारूप में संशोधन की आवश्यकता है। इस पर भी प्रमाण पत्र के प्रारूप में आवश्यक संशोधन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।