बलिया। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवती पर तैनात स्टाफ नर्स की ओर से पिंडहरा ग्राम सभा स्थित आवास पर बीती रात अवैध रूप से प्रसव कराने के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के बाद हंगामा हो गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने किसी तरीके से स्थिति को नियंत्रित किया। परिजनों की तहरीर पर आशा बहू, स्टाफ नर्स और उसके पति के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

रुकुनपुरा गांव की गर्भवती महिला सुधा देवी पत्नी लाल साहब साहनी को बुधवार को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। गांव की आशा बहू मीना देवी उसे लेकर रेवती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्टाफ नर्स मंजू सिंह के आवास पर बांसडीह के पिंडहरा लेकर चली आई।

आरोप है कि यहां 20 हजार रुपये में सामान्य प्रसव कराने की बात तय हुई। इसमें सुधा के परिजनों ने आठ हजार रुपये ऑनलाइन और चार हजार नगद दे दिए। बाकी पैसे प्रसव के बाद देने की बात तय हुई।

नर्स मंजू सिंह ने महिला का प्रसव कराना शुरू किया। रात लगभग दस बजे महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। इसके कुछ ही समय बाद महिला की पीड़ा और बढ़ गई। कुछ देर बाद उसने भी दम तोड़ दिया। इसे लेकर परिजनों का सब्र जवाब दे गया। परिजनों ने मौके पर हंगामा शुरू कर दिया। महिलाओं ने रोना-पीटना शुरू कर दिया। घरवालों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें शांत कराया।

जच्चा-बच्चा के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया। पुलिस ने नर्स को भी हिरासत में ले लिया। मृतका के देवर राम ईश्वर साहनी ने गुरुवार को गांव की आशा बहू मीना देवी, नर्स मंजू सिंह व उनके पति नंदकुली सिंह के खिलाफ नामजद तहरीर दी।

इसके आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस संबंध में कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर पर नर्स समेत तीन के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

सीएमओ को पीएम रिपोर्ट का इंतजार
स्टाफ नर्स की ओर से अवैध रूप अपने आवास पर महिला का प्रसव कराने, आशा बहू की ओर से प्रसूता को अस्पताल न ले जा जाकर स्टाफ नर्स के घर ले जाने और स्टाफ नर्स की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में भले ही परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली हो, लेकिन सीएमओ डॉ. विजयपति द्विवेदी को अभी मामले में कार्रवाई के लिए पीएम रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने फोन पर बताया कि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।