लखनऊ। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव के तहत जिलाध्यक्षों के चुनाव के लिए अब सात से 10 जनवरी तक नामांकन किए जाएंगे। पार्टी की वैचारिक पृष्ठभूमि से जुड़े होने के साथ दो बार के सक्रिय सदस्य ही नामांकन कर सकते हैं। जिलाध्यक्ष बनने के लिए 60 वर्ष से अधिक उम्र भी नहीं होनी चाहिए।

जिला चुनाव अधिकारी अपने-अपने जिलों में चुनाव तिथि व स्थान की घोषणा करेंगे। भाजपा लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करते हुए आम सहमति के आधार पर जिलाध्यक्ष का चुनाव करेगी। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने संगठनात्मक चुनाव के अगले चरण की कार्ययोजना साझा करते हुए कहा कि विचारधारा, संस्कार और संगठनात्मक पद्धति ही लंबे समय तक संगठन को जीवंत रखते हैं। हमारे संगठनात्मक चुनाव के चार चरण पूरे हो चुके हैं। हम अगले चरण के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दायित्व परिवर्तन संगठनात्मक व्यवस्था है और इसके अनुरूप ही समय-समय पर प्रत्येक कार्यकर्ता के दायित्वों में परिवर्तन होता है।

राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि भाजपा ही एकमात्र राजनीतिक दल है जो संगठन की संरचना भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप करता है। यही कारण है कि भाजपा में बूथ का कार्यकर्ता भी अपनी योग्यता और क्षमता के आधार पर किसी भी शीर्ष पद पर पहुंच सकता है। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता जिलाध्यक्षों के रूप में निर्वाचित होंगे और पार्टी के अभियानों, कार्यक्रमों व विचारधारा को गति प्रदान करेंगे।