
रिपोर्ट: अरुण यादव
आज़मगढ़। ऑपरेशन मुस्कान के तहत नगर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। कोतवाली पुलिस ने वर्ष 2019 से लापता और तथाकथित मृतक घोषित अरविंद चौहान को 5 वर्ष 9 माह बाद लखनऊ से बरामद किया है। अरविंद चौहान पुत्र मुसाफिर चौहान, निवासी इदिलपुर, थाना जहानागंज को मंगलवार को लखनऊ के आईआईएम के पास से हिरासत में लिया।
एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि 30 जुलाई 2019 को प्रकाश चौहान पुत्र राजेन्द्र चौहान, निवासी महावतगढ़, मंडनपुर, थाना जीयनपुर ने थाना कोतवाली में तहरीर देकर अपने जीजा अरविंद चौहान के लापता होने की सूचना दी थी। इसके आधार पर गुमशुदगी संख्या 17/19 दर्ज की गई। बाद में अरविंद की पत्नी सुनीता चौहान ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि अरविंद की हत्या कर दी गई है।
इस आधार पर मुकदमा संख्या 510/24, धारा 302/201 भादवि, थाना कोतवाली में वासुदेव चौहान और घरबरन चौहान के खिलाफ दर्ज किया गया।विवेचना के दौरान पुलिस ने अरविंद के परिवार के मोबाइल नंबरों की सीडीआर का विश्लेषण किया, जिसमें संदिग्ध मोबाइल नंबर प्राप्त हुए।
काल डाटा विश्लेषण और मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने अरविंद को लखनऊ में ट्रेस किया। मंगलवार की दोपहर उसे आईआईएम, लखनऊ के पास से हिरासत में लिया गया।
पूछताछ में खुलासा
अरविंद ने पूछताछ में बताया कि वह 2006 से एलकेमिस्ट लिमिटेड कंपनी, आजमगढ़ में मार्केटिंग एजेंट का काम करता था। 2017 में कंपनी के बंद होने के बाद, उसने रिश्तेदारों और अन्य लोगों से जमा किए गए करोड़ों रुपये वापस नहीं कर पाया।
दबाव बढ़ने पर 19 जुलाई 2019 को वह अपना मोबाइल घर पर छोड़कर लखनऊ भाग गया। वहां उसने किराए पर कमरा लिया, ऑटो चलाया और अलग-अलग मोबाइल नंबरों से अपनी पत्नी व बच्चों से व्हाट्सएप कॉल पर बात करता रहा।
अरविंद ने यह भी बताया कि उसने वासुदेव चौहान से धोखाधड़ी कर 4 लाख 42 हजार 500 रुपये लिए थे, जिसके चलते वासुदेव ने उसके पिता और पत्नी के खिलाफ थाना जहानागंज में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे को वापस लेने के दबाव में सुनीता ने वासुदेव और घरबरन के खिलाफ झूठा हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।