आज़मगढ़। आज़मगढ़ जिले के अहरौला में 29 अक्तूबर को धनेश पांडेय गांव में शटरिंग किये गये निर्माणाधीन मकान को कुछ लोगों द्वारा तोड़ने का वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित सलीम के तहरीर पर प्रधानपति सहित 10 पर केस दर्ज हुआ था। वीडियो का समाचार प्रसारित होने के बाद एसडीएम के निर्देश पर बुधवार को नायब तहसीलदार बूढनपुर अरुण कुमार के नेतृत्व में राजस्व निरीक्षक सहित पांच सदस्यीय टीम गांव में पहुंची। टीम की ओर से गांव के दो दिशाओं से सीमांकन किया गया लेकिन, विवादित निर्माणाधीन मकान सही पाया गया। निर्माणधीन घर से घूर गड्ढा आठ कड़ी से ज्यादा अंतराल पर पाया गया। वहीं अनूसूचित बस्ती के लोग रास्ते की मांग पर अड़े रहे। मामले को अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। बताते चलें धनेश पांडेय गांव में महीनों से अनुसूचित बस्ती के लोग रास्ते की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। आरोप था कि रास्ते की जमीन पर गांव के सलीम मकान बनवा रहे हैं। मकान को रास्ते में बनाने के बाद भी बरजा भी निकाल दिए हैं। इससे आक्रोशित लोगों ने मकान तोड़ दिया। तोड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद बुधवार को बूढ़नपुर के नायब तहसीलदार अरुण कुमार के नेतृत्व में राजस्व निरीक्षक राजाराम, भू निरीक्षक प्रदीप कुमार, वागीश कुमार, अरविंद, कुन्नूर के द्वारा गांव के अगल-अलग सीमाओं में लगायें गये पत्थर से सीमांकन किया। मौके पर घूर गढ्ढा कब्जे की शिकायत करने वाले प्रधान पति श्याम सलोने मौके पर मौजूद रहे। वहीं विवादित रास्ते को लेकर अनुसूचित बस्ती के लालचंद्र व विनोद की ओर से दिवानी की गयी है। नायब तहसीलदार अरुण कुमार ने बताया की राजस्व टीम मौके पर पहुंचकर घूर गढ्ढे का सीमांकन किया है। इसमें अनुसूचित बस्ती के लोग दीवानी दाखिल कर रखी है। फिलहाल सलीम के मकान के सामने से जाने वाला रास्ता दीवानी के निर्णय तक वैसे ही चलता रहेगा। इसे लेकर दोनों पक्षों को चेतावनी दे दी गई है।