कुशीनगर । जिले के तमकुहीराज थाना इलाके के करनपट्टी में मंगलवार की सुबह दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई। सोमवार शाम से लापता नौ माह की बच्ची की लाश छत पर पानी की टंकी में मिली। पुलिस की जांच में पता चला कि 12 साल की फुफेरी बहन ने मासूम को पानी से भरी टंकी में डालकर ढक्कन बंद कर दिया था। 

बच्ची को पानी की टंकी में डालने का ख्याल उसे टीवी पर आने वाले अपराध आधारित धारावाहिक देखकर आया था। दो माह पहले आरोपी के भाई की भी पानी की टंकी में डूबने से मौत हो गई थी। अब उस मामले को भी संदिग्ध माना जा रहा है। 

करनपट्टी निवासी सुदर्शन गुप्ता के छोटे बेटे की सोमवार की शाम बरात जानी थी। सुदर्शन की बेटी सोनम बिहार के गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर गांव से पति अमित, नौ माह की बेटी केशवी और ननद की 12 वर्षीय बेटी के साथ भाई की शादी में शामिल होने करनपट्टी आई थी। सोमवार की शाम बरात निकलने की तैयारियों के बीच सोनम पड़ोस में चचेरे भाई के घर चली गई थी।

इसी दौरान 12 वर्षीय बालिका नौ माह की फुफेरी बहन केशवी को लेकर घर के अंदर चली गई। कुछ देर बाद सोनम लौटी और केशवी के बारे में पूछा तो बालिका बातें बनाती रही। काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची नहीं मिली तो देर शाम परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। इस बीच बरात रवाना हो गई, इंस्पेक्टर तमकुहीराज और महिला एसआई आकांक्षा सिंह के नेतृत्व में पुलिस की दो टीमें देर रात तक जांच में जुटी रहीं।

भाई के डूबने की बात बताई तो पानी की टंकी तक पहुंचे परिजन
सोमवार शाम बरात रवाना होने के बाद घर में मौजूद महिलाएं केशवी के लापता होने की चिंता में थीं। इस बीच बालिका ने बताया कि उसके भाई की कुछ माह पहले पानी की टंकी में डूबने से मौत हो गई थी। तत्काल तो किसी ने इस पर गौर नहीं किया लेकिन मंगलवार की सुबह बरात में गए परिजनों को यह बात बताई गई। 

संदेह होने पर परिजनों ने सुदर्शन के भतीजे की छत पर लगी पानी की टंकी खोलकर देखी तो केशवी का शव उतराया मिला। इंस्पेक्टर अमित शर्मा ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बालिका ने टीवी पर प्रसारित धारावाहिक देखकर वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की है। आरोपी बालिका को वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया है।

सीआईडी और क्राइम पेट्रोल सीरियल देख ले ली ममेरी बहन की जान
नौ माह की बच्ची से आखिर बालिका को किस बात की अदावत थी, यह समझ से परे है। लेकिन, उसने ऐसे कृत्य को अंजाम दिया है, जिसे सुनने के बाद हर कोई उसे कोस रहा है। टीवी सीरियल सीआईडी और क्राइम पेट्रोल देखने के बाद बालिका ने इस घटना को अंजाम दिए जाने की बात स्वीकार की है।

हालांकि, पुलिस का कहना है कि बालिका से जब-जब पूछताछ की गई तो वह हर बार अलग-अलग कहानी सुनाती रही। उसके चेहरे पर न तो अपराध का भाव दिखा और न ही किसी तरह का पछतावा हो रहा था। उसके हाथों पर कई जगह कटे के निशान भी हैं। इस पर जब पुलिस ने जानकारी हासिल की तो पता चला कि वह गुस्सैल प्रवृति की है। परिजनों की डांट-फटकार के बाद उसने खुद को चोट पहुंचाने के लिए पहले भी अपने हाथ के नस को काट चुकी है।

नौ माह की नवजात बच्ची के गायब होने के बाद से ही परिजन व पुलिस को आरोपी बालिका पर संदेह हो गया था। क्योंकि उससे जितनी बार जानकारी ली गई तो उतनी बार अलग-अलग वह बात बताती रही। बच्ची के गायब होने से पहले बिस्तर पर सुलाने की बात बताई तो कुछ देर बाद गांव के लड़के से घर भेजने की बात कही।

छत पर लगी पानी की टंकी में शव मिलने की सूचना के बाद आई पुलिस को देख बालिका के चेहरे का भाव ही बदलने लगा। पुलिस आरोपी बालिका से पूछताछ करती रही, लेकिन उसके चेहरे पर न तो अपराध का भाव दिखा और न ही घटना को लेकर पछतावा ही हो रहा था। बालिका पुलिस के हर सवाल का खुद के हिसाब से बेखौफ होकर जवाब दे रही थी। नई-नई कहानियां सुनाकर पुलिस व परिजनों को घंटों उलझाए रखा। इसके चलते उस पर संदेह गहराता चला गया। महिला एसआई आकांक्षा सिंह ने बालिका से कई बार बातचीत की।

पांच दौर की पूछताछ के दौरान बालिका ने अपराध को स्वीकार किया और बताया कि टीवी सीरियल सीआईडी व क्राइम पेट्रोल देखकर उसके मन में ऐसा करने का ख्याल आया था। हालांकि, जब इंस्पेक्टर अमित शर्मा ने बालिका से पूछताछ शुरू की तो वह दूसरी कहानी सुनाने लगी। आरोपी बालिका के हाथ पर कई जगह कटे के निशान देख जब इंस्पेक्टर ने सवाल किया तो पता चला कि परिजनों से नाराजगी के बाद उसने अपने हाथ की नस को काट लिया था। यह सच्चाई उजागर होने के बाद भी बालिका के चेहरे पर शिकन तक दिखने को नहीं मिली।