लखनऊ। सपा उपचुनाव में जमीनों की खरीद में कथित गड़बड़ियों पर फोकस करेगी। भ्रष्टाचार, खाद संकट, कानून-व्यवस्था, संविधान और बेरोजगारी उसके प्रचार के मुख्य मुद्दों में शामिल रहेंगे। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को गाजियाबाद में समर्थकों की बैठक के जरिये पूरे प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ताओं और आम मतदाताओं को सियासी संदेश देने का प्रयास किया।

अखिलेश ने उपचुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान का आगाज गाजियाबाद से किया है। वे शीघ्र ही अन्य सीटों पर भी प्रचार के लिए जाएंगे। पार्टी उपचुनाव को अगले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि यहां मिली विजय से एक संदेश जाएगा कि भाजपा को हराना सपा के मुश्किल नहीं है। इसलिए सपा का पूरा फोकस है कि धार्मिक आधार पर मतों का विभाजन न हो सके। वे पीडीए के नारे से जाति के आधार पर ध्रुवीकरण की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सपा के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि भाजपा के धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण की कोशिश का जवाब पीडीए की रणनीति ही है।

अखिलेश ने गाजियाबाद में समर्थकों को यह मनोवैज्ञानिक संदेश देने पर फोकस किया कि जनता पूरी तरह से भाजपा को हटाने के लिए तैयार है। अगर सपा कार्यकर्ता बूथ स्तर पर काम करें तो यूपी की सत्ता हासिल करने का उनका लक्ष्य आसानी से पूरा हो सकता है। महानगरों में जमीनों की धंधे को लेकर जिस तरह की शिकायतें आ रही हैं, उसे मुद्दा बनाने में सपा पीछे नहीं रहना चाहती। यही वजह है कि अखिलेश ने सार्वजनिक मंच से कहा कि गाजियाबाद में ही नहीं, लखनऊ और अयोध्या में भी जमीनों की खरीद-फरोख्त का रिकॉर्ड रजिस्ट्री विभाग सार्वजनिक करे। इसे उपचुनाव में सपा का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है