नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर लंबी बहस चल रही है। इस दौरान बजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी के भाषण के एक हिस्से को लेकर जबरदस्त बवाल हो गया। विपक्ष ने इस बयान को एक्सपंज करने की मांग की।

बीजेपी सांसद के भाषण के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के बीच तकरार हो गई, जिसपर शाह ने यहां तक कह दिया कि इनको मेरा हौआ है, इन्हें सिर्फ मैं ही दिखाई देता हूं। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने शाह पर हमला करते हुए कहा कि जब गुजरात में दंगे थे तो आप वहां गृह मंत्री थे और आपका क्या रोल था, यह सब जग जाहिर है। इस पर शाह ने पलटवार करते हुए बताया कि दंगे के समय वे गृह मंत्री थे ही नहीं, बल्कि 18 महीने बाद बने थे।

वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने अपने भाषण में कहा, “आजादी मिलने के समय मुस्लिम समाज के प्रतीक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, जाकिर हुसैन, मजरूह सुल्तानपुरी, साहिर लुधियानवी, कैफी आजमी जैसे लोग थे। लेकिन आज मुस्लिम समाज का नेतृत्व किन लोगों के साथ जोड़ा जाता है- मुख्तार अंसारी, इशरत जहां, याकूब मेनन, अतीक अहमद जैसे लोगों के साथ।”

सुधांशु त्रिवेदी के इस बयान पर एनसीपी-एससीपी सांसद फौजिया खान, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह समेत तमाम विपक्षी सांसदों ने विरोध जताया। इस पर अमित शाह ने खड़े होकर कहा कि सुधांशु त्रिवेदी ने मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि इंडी अलायंस के लिए ऐसा कहा है।

इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो गुजरात में दंगे-फसाद हुए, उसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार थे, यह बताइए। इस पर अमित शाह ने सिंह को जवाब देते हुए कहा कि आपने नहीं कहा कि 26/11 के हमले में आरएसएस का हाथ था तो अभी खड़े होकर बुलवा दीजिए। फिर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि मैंने यह कभी बात नहीं कही है। आप लोगों का यह प्रचार है। आप वहां पर (गुजरात) गृह मंत्री थे, जब दंगे हुए थे, आप लोगों का रोल क्या था, यह जग जाहिर है।

इस पर शाह ने जवाब दिया, “इनको मेरा हौआ ऐसा है कि मैं ही दिखाई देता हूं। दिग्विजय सिंह सुनिए, दंगे शांत होने के 18 महीने बाद मैं गृह मंत्री बना, जब दंगा हुआ तो मैं गृह मंत्री नहीं था।”