आज़मगढ़। ग्रामीण क्षेत्रों में भी उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया गया। व्रती महिलाओं ने एक-दूसरे को ¨सिंदूर लगाया और भगवान भास्कर से परिवार की सलामती के लिए आशीर्वाद मांगा। सूर्य की उपासना के लिए गाए जाने वाले गीत ‘सबके सलामत रखिहा हो सुरूज देव’ से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।


फूलपुर में  नगर पंचायत व आस-पास ग्रामीण इलाकों में छठ पर्व की खूब धूम रही। व्रती महिलाएं उदयांचल भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देकर यश, सुख, समृद्धि की मंगल कामना की। मार्टीनगंज  क्षेत्र के सुरहन गांव के कारेदेव मंदिर के समीप पोखरे के तट पर व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर परिवार की सलामती मांगी। सरायमीर क्षेत्र के कोठिया गांव के पास टौंस नदी के तट पर छठ पूजा की गई। बोंगरिया क्षेत्र के मानपुर स्थित पौहारी बाबा के घाट व नोनी नदी कोटवारी से लेकर गतवां भुआलपुर और मंगई नदी में फिनीहिनी से लेकर खुटहन तक आस्था के समुंदर में गोते लगाती भीड़ दिखी।


रानी की सराय में सूर्योपासना पर्व डाला छठ क्षेत्र में परंपरागत ढंग से मनाया गया। लालगंज में डाला छठ पर  सुबह व्रती महिलाओं ने हनुमानगढ़ी पोखरे व कमरिया शिव मंदिर पोखरे सहित बेसो नदी, गांगी नदी किनारे व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। माहुलमें  व्रती महिलाएं सुबह कस्बे के काली चौरा मंदिर स्थित पोखरे के घाट पर पहुंचीं और पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रत को पूरा किया और भगवान भास्कर से परिवार की खुशहाली की मन्नतें मांगी। नंदांव संवाददाता अनुसार छठ पर्व पर रेवला स्थित छठ पूजा घाट पर महिलाओं ने उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। व्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर से आशीर्वाद मांगा।


अतरौलिया  में शुक्रवार की भोर में महिलाएं मंगल गीत के साथ पूरब पोखरे पर पहुंची। पानी में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया।
कप्तानगंज क्षेत्र में भी विभिन्न पोखरों, तालाबों में महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं कप्तानगंज कस्बे के बाबा गोपी दास की कुटी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे वहीं पोखरे के किनारे पूजा समिति के द्वारा लगाई गई छठ माता की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रही।

मेहनगर में  लखराव पोखरा, मंगाई नदी, शाह खजुरा, प्रभा पोखरा, करौती आदि गांव स्थित पोखरे पर महिलाओं ने घाटों पर पहुंच महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया। लाटघाट में अजमतगढ़, हरैया ब्लाक क्षेत्र के दर्जनों पोखरों, नदिया और तालाबों पर व्रती महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर मन्नत मांगी।

मुहम्मदपुर शिवमंदिर पोखरे पर लगभग पांच सौ वेदियां बनाई गई थीं। लड़कियों द्वारा वेदियों के आस-पास बनाई गई रंगोलियां काफी आकर्षक लग रही थी।