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रिपोर्ट:अरुण यादव
लखनऊ। रोडवेज के निजीकरण के क्रम में आज़मगढ़ सहित प्रदेश की 19 वर्कशॉप को पीपीपी के तहत ठेके पर काम कराने का फैसला किया गया है। आज़मगढ़ वर्कशॉप में भी बसों का मेंटीनेंस ठेकेदार के कर्मचारी करेंगे। प्रबंधन का दावा है कि इस व्यवस्था से बसों का मेंटीनेंस समय पर और कम खर्च से होगा। विभाग पर मैनपावर का खर्च भी नहीं आएगा। इससे विभाग को आर्थिक बचत भी होगी। आज़मगढ़ में संविदा नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रबंधन का दावा है कि नए साल यानी जनवरी से ठेकेदार बसों की सर्विसिंग करना शुरू कर देगा। इसकी वजह यह है कि आज़मगढ़ वर्कशाप सहित पूरे प्रदेश भर की वर्कशाप का ठेका आवंटित किया जा चुका है। कांट्रेक्टर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि जनवरी-2025 से बसों की सर्विसिंग कराना शुरू कर दें।
प्रबंधन का दावा, नई तकनीक की बसों का समय पर होगा मेंटीनेंस
रोडवेज अफसरों का दावा है कि ठेके पर बसों की सर्विसिंग और मेंटीनेंस होने से रास्ते में बसें न के बराबर खराब होंगी। इसके अलावा कंपनियां आधुनिक प्रणाली से बसों की सर्विसिंग और चेकिंग करेंगी तो कई तरह के फायदे मिलेंगे। सबसे बड़ा फायदा बस यात्रियों को होगा। आम यात्रियों की शिकायतें भी दूर हो जाएंगी।
कहां के वर्कशॉप निजी हाथों में सौंपे गए
ताज डिपो, आगरा क्षेत्र, साहिबाबाद डिपो, गाजियाबाद क्षेत्र, सोहराब गेट, मेरठ क्षेत्र, छुटमलपुर डिपो, सहारनपुर, एटा डिपो, अलीगढ़, नजीमाबाद डिपो, मुरादाबाद, बदायूं डिपो, बरेली, हरदोई डिपो, हरदोई, इटावा डिपो, इटावा, विकासनगर डिपो, कानपुर, झांसी डिपो, झांसी, अवध डिपो लखनऊ, सुल्तानपुर डिपो, अयोध्या, जीरो रोड, प्रयागराज, बलिया डिपो, आजमगढ़, देवरिया डिपो, गोरखपुर, कैंट डिपो, वाराणसी, बांदा डिपो, चित्रकूट और बलरामपुर डिपो, देवीपाटन क्षेत्र के हैं।