
नई दिल्ली। भाजपा इस समय अपने स्वर्णिम दौर से गुजर रही है। एक के बाद एक वह लगातार बड़े-बड़े चुनाव जीतती जा रही है। लेकिन आज दिल्ली के दूसरे सबसे बड़े चुनाव में वह चुनाव लड़े बिना ही जीत गई क्योंकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने से इनकार कर दिया। इससे भाजपा के मेयर पद के प्रत्याशी सरदार राजा इकबाल सिंह और डिप्टी मेयर पद के प्रत्याशी जय भगवान यादव का जीतना तय हो गया है। दिल्ली में अब भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार बननी तय हो गई है। केंद्र और दिल्ली प्रदेश में पहले ही उसकी सरकार है। आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद अब नगर निगम में भी उसका मेयर बनना तय हो गया है। अब दिल्ली के विकास की पूरी जिम्मेदारी भाजपा पर होगी।
दिसंबर 2022 में हुए दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 250 सीटों में से 134 सीटों पर जीत हासिल की थी। निगम में 15 साल से सत्ता में बरकरार रही भाजपा को केवल 104 सीटों पर ही सफलता मिली थी। लेकिन बाद में आम आदमी पार्टी के कई पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया तो कुछ विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर विधायक बन चुके हैं। इस समय दिल्ली नगर निगम में कई सीटें रिक्त हैं क्योंकि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित भाजपा-आम आदमी पार्टी के कई पार्षद विधायक बन चुके हैं। लेकिन इन परिस्थितियों में नगर निगम के सदन में भाजपा का बहुमत हो गया है। माना जा रहा है कि इसी कारण आम आदमी पार्टी ने चुनाव से हटने का निर्णय कर लिया।
निभाएंगे जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका- आप
आम आदमी पार्टी नेता आतिशी मारलेना ने कहा कि उनकी पार्टी नगर निगम चुनाव के मेयर पद का चुनाव नहीं लडे़गी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पूरे देश में विपक्ष के नेताओं-सांसदों-विधायकों को तोड़ने की कोशिश करती है। उनकी पार्टी के भी कई नेताओं-पार्षदों को तोड़ने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी नगर निगम चुनाव में अपना मेयर प्रत्याशी नहीं खड़ा करेगी, लेकिन जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के विकास की पूरी जिम्मेदारी भाजपा पर है क्योंकि उसकी केंद्र, प्रदेश और नगर निगम तीनों जगहों पर कब्जा है।