
आजमगढ़ । उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह द्वारा आज सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से जुड़े विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की गयी एवं विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया।
मंत्री ने ‘ग्राउंड जीरो विज़िट’ के सिद्धांत पर चलते हुए विकास कार्यों की प्रगति को प्रत्यक्ष रूप से देखा। मंत्री ने शारदा सहायक खंड 23 एवं खंड 32 के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण किया। खंड 23 का भवन रू0 4.34 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। वहीं खंड 32 का भवन रू0 4.11 करोड़ की लागत से निर्मित हुआ है। मंत्री ने कहा कि इन भवनों के निर्माण से विभागीय कार्यों के संचालन में और अधिक सुविधा और गति आएगी, जिससे आजमगढ़ जनपद को तकनीकी और प्रशासनिक रूप से और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।
उन्होने कहा कि सरयू नदी से बाढ़ सुरक्षा के लिए जनपद आजमगढ़ में जल शक्ति विभाग द्वारा विशेष प्रयास किए गए हैं, कुल 8 अदद तटबंध, जो कि 75.800 किलोमीटर तक फैले हुए हैं, का निर्माण कराया गया है। इन तटबंधों से 42732 हेक्टेयर कृषि भूमि और 66687 जनसंख्या की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। यह कार्य बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने और ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक सुरक्षा को बनाए रखने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। उन्होने कहा कि जल संचयन और वर्षा जल संग्रहण के क्षेत्र में भी आजमगढ़ में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। जनपद में कुल 795 तालाब चिन्हित हैं, जिनमें से 597 तालाबों को 6 मई 2025 तक भरवा दिया गया है। यह कार्य जल संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल है, जिससे भूगर्भ जल स्तर के संतुलन में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा भी सुलभ होगी। मंत्री ने कहा कि जनपद आजमगढ़ में जल शक्ति विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत 10 परियोजनाएं पूर्ण की गई हैं, जिनकी कुल लागत 2021.27 लाख रुपये है। इसके अतिरिक्त, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 14 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी कुल लागत 8039.74 लाख रुपये है। इन परियोजनाओं में जल संसाधन विकास, नहरों की मरम्मत, पंप हाउस उन्नयन, जल निकासी तंत्र सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई क्षमता वृद्धि जैसे कार्य सम्मिलित हैं।
इसके साथ ही मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक भी किया। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि “प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि हर नागरिक को समय पर और स्थायी जल की सुविधा मिले। उन्होने निर्देश दिया कि बरसात से पहले सभी तटबंधों, नहरों, जलाशयों और ड्रेनेज की स्थिति दुरुस्त कर ली जाए। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” जल शक्ति मंत्री ने यह भी कहा कि जो भी परियोजनाएं स्वीकृत हैं, उन्हें समयबद्धता के साथ पूर्ण किया जाए और पारदर्शिता बनाए रखी जाए। उन्होंने फील्ड अधिकारियों से कहा कि वे केवल दफ्तर में बैठकर नहीं, बल्कि ज़मीन पर उतर कर कार्यों की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करें, ताकि जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।