लखनऊ। बिजली के निजीकरण के विरोध में कांग्रेस सड़क पर उतरेगी। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, किसानों की समस्याओं समेत अन्य मुद्दों को लेकर विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 18 दिसंबर को विधान भवन का घेराव करने की घोषणा की है। प्रदर्शन में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे समेत अन्य वरिष्ठ नेता व सभी जिलों के कार्यकर्ता शामिल रहेंगे।
कांग्रेस की नई कमेटियों के गठन से पूर्व विधान सभा के घेराव को प्रदेश इकाई के शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है। माना जा रही है कि केंद्रीय नेतृत्व को बड़ा संदेश देने का प्रयास होगा। कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना का कहना है कि बिजली के निजीकरण समेत सभी प्रमुख मुद्दाें को विधानसभा सत्र में भी उठाया जाएगा।
आरोप लगाया कि सरकार किसी भी मुद्दे पर अपनी जवाबदेही से हमेशा बचती रही है। विपक्ष के सवालों के जवाब से बचने के लिए ही चार दिन का अल्प सत्र बुलाया गया है। उन्होंने विधान सभा सत्र का समय बढ़ाए जाने की मांग भी की।
सरकार की गलत नीतियों का विरोध पूरे जोर-शोर से करेगी कांग्रेस
पार्टी मुख्यालय में अजय राय ने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को समय से स्वेटर, जूते-मोजे व अन्य सामग्री नहीं मिल पा रही है। इनकी सप्लाई का ठेका गुजरात की कंपनी को दे दिया गया है, जो अपनी मनमर्जी से काम कर रही है और राज्य सरकार को उस पर कोई नियंत्रण नहीं है। कहा कि कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों का विरोध पूरे जोर-शोर से करेगी।पूरे प्रदेश से कार्यकर्ता व पदाधिकारी लखनऊ पहुंचेंगे और पूरी ताकत से सकरार के विरुद्ध मुखर होकर खड़े होंगे। कांग्रेस झांसी मेडिकल कालेज में आग की घटना, महिलाओं के साथ हो रही संगीन घटनाओं, बढ़ते अपराध व हिंसा समेत अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन करेगी। मोना ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा हो रही है। यह सरकारी की नाकामी का परिणाम है।