
रिपोर्ट:-अरुण यादव
आज़मगढ़। जिले के निजामाबाद थाना क्षेत्र के मुस्लिम पट्टी गांव में शव दफनाने को लेकर दो वर्गों के बीच विवाद हो गया। एक पक्ष ने गांव के एक व्यक्ति नाजिम के इंतकाल के बाद नवीन परती भूमि, जो गोड़ और यादव आबादी के बीच है, गड्ढा खोदकर शव दफनाने की तैयारी की। इस पर दूसरे वर्ग के लोगों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह आबादी क्षेत्र है और यहां कब्र नहीं बननी चाहिए। उन्होंने कब्रिस्तान में शव दफनाने की मांग की।
एक वर्ग का दावा था कि उक्त स्थान पर पहले से उनकी कब्रें हैं। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक हुई। सूचना पर राजनीतिक दलों के लोग भी पहुंचे और अधिकारियों को अवगत कराया। राजस्व विभाग की टीम भी पहुंची। टीम में शामिल तहसीलदार चमन सिंह, नायब तहसीलदार और लेखपाल लाल बिहारी ने जांच की तो पता चला कि गड्ढा गलत जगह पर खोदा गया था। पुलिस और राजस्व विभाग ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर शव को 50 मीटर दूर स्थित कब्रिस्तान में दफनाने का निर्णय लिया। सुबह 11 बजे शुरू हुआ यह विवाद शाम पांच बजे तक चला। छह घंटे की तनातनी के बाद शव को कब्रिस्तान में दफनाया गया।
ग्रामीणों ने लेखपाल पर पैसे लेकर गलत जगह पर गड्ढा खोदने की अनुमति देने का आरोप लगाया, जिससे उनकी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। हालांकि, इस गंभीर मामले में एसडीएम निजामाबाद नरेंद्र गंगवार मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी देखी गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर शांति व्यवस्था बनाए रखी।
तहसीलदार निजामाबाद चमन सिंह ने बताया कि निजामाबाद के मुस्लिम पट्टी गांव में शव दफनाने को लेकर दो वर्गों विवाद हो गया था। एडीएम के निर्देश पर मौके पर गया था। राजस्व विभाग की टीम के साथ जांच में सामने आया कि दूसरे वर्ग के लोगों की ओर से गलत जगह गड्ढा खोदा गया था। जबकि पांच गांवों में कब्रिस्तान कागजों में पहले से ही है। अब नए स्थान पर कब्रिस्तान बनाया जा रहा था। उसे तत्काल रोक दिया गया है। साथ ही कब्रिस्तान में शव दफन कराया गया।