रिपोर्ट: अरूण यादव

आजमगढ़। ठंड शुरू होते ही सगड़ी तहसील क्षेत्र के ताल सलोना में विदेशी पक्षियों आने का सिलसिला शुरू हो गया है। क्षेत्र में शिकार भी सक्रिय हो गए हैं। वहीं पुलिस शिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। पुलिस आसपास के गांवाें में लाइसेंसी असलहों को सीज करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही पुलिस पक्षियों को शिकार करने वालों को भी चिह्नित कर रही है।

अजमतगढ़ ब्लॉक के सलोना ताल का क्षेत्रफल लगभग 107 हेक्टेयर है। ये उत्तर में अजमतगढ़ कस्बा, दक्षिण में बरडीहा गांव, पूर्व में नरहन भरौली गांव और पश्चिम में आजमगढ़-दोहरीघाट राज्यमार्ग तक फैला है। दशहरे के बाद से ताल में साइबेरियन, लालसर, बगुला व सारस आदि विदेशी पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। उनके घरौंदे दिखने लगे हैं। ठेकमा ब्लॉक जमुआवां ताल का क्षेत्रफल 989 बीघा है। इसके पश्चिम में ईरनी गांव है। यहां भी दशहरा के बाद विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। हालांकि अभी इस ताल में अभी विदेशी पक्षियों का आगमन नहीं हुआ है। यहीं आकर ये पक्षी अंडा देते हैं और फरवरी-मार्च माह में बच्चों के साथ लौटते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग की ओर से कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उनकी सुरक्षा करने के निर्देश दिए। पुलिस टीम ने दो दिन पूर्व पक्षियों के शिकार के मामले में चार लोगों पर एफआईआर दर्ज करते हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था। अब पुलिस ऐसे लोगों को चिह्नित कर रही है। इसके साथ ही पुलिस अम्मापार, अतरकक्षा, बरडीहा व इसरहा गांव मेंं विशेष निगरानी कर रही है। पुलिस को आशंका है कि ताल सलोना में आने वाली विदेशी पक्षियों के शिकार के लिए शिकारी जाल, गनशाॅर्ट, लाइसेंसी असलहे, गैर लाइसेंसी असलहे और गन शाॅट का प्रयोग करते हैं। इसकी जांच की जा रही है। लाइसेंसी असलहे से शिकार का मामला सामने आने पर संबंधित व्यक्ति के लाइसेंसी असलहे सील कर दिए जाएंगे। अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए गांवों में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। उनसे अनुरोध किया जा रहा कि वे विदेशी पक्षियों का शिकार न करें। बल्कि उनकी सुरक्षा करें। बताया कि ताल सलोना में विदेशी पक्षियों का आगमन हो चुका है। यहां आसपास के गांव के लोग भारी संख्या में विदेशी पक्षियों का शिकार करते हैं। उन्हें बाजार में महंगे दामोंं पर बेचते हैं । जबकि इन पक्षियों का शिकार प्रतिबंधित है। इनकी सुरक्षा के लिए पुलिस टीम लगाई गई है। शिकारियों को चिह्नित किया जा रहा है।