लखनऊ। विशेष जोखिम उठाते हुए कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण आहूत करने वाले अविवाहित पुरुष/महिला पुलिसकर्मी के माता-पिता को अब अनुग्रह राशि के पूरे 50 लाख रुपये का भुगतान होगा। महिला पुलिसकर्मी के बलिदान होने की दशा में उसके पति अथवा कानूनी वारिस को भी अनुग्रह राशि मिल सकेगी। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अनुग्रह राशि के शासनादेश की तकनीकी त्रुटियों को दूर कर इसका रास्ता साफ किया गया है। योगी ने 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर अनुग्रह राशि प्रदान किए जाने के आदेश की कमियों को दूर किए जाने की घोषणा की थी। अनुग्रह राशि को लेकर नया शासनादेश जारी कर दिया गया है।

पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की कर्तव्य पालन के दौरान मृत्यु होने की दशा में वर्तमान शासनादेश के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा पत्नी व माता-पिता के जीवित नहीं रहने की दशा में अन्य आश्रितों को पूर्ण धनराशि नहीं मिल पा रही थी। विवाहित महिला पुलिसकर्मी की मृत्यु की दशा में उसके पति को वारिस के रूप में स्वीकार नहीं किया जा रहा था। ऐसे ही शासनादेश में माता-पिता को पूर्ण अनुग्रह राशि प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी नहीं थी।

शासनादेश में इन कमियों को सुधारा गया है। अब पत्नी के स्थान पर जीवनसाथी शब्द का प्रयोग किया गया है। जिससे पति को भी समान लाभ मिलेगा। शासनादेश में संशोधन करते हुए अब अनुग्रह की संपूर्ण राशि 25 व 50 लाख रुपये जो भी संबंधित कर्मी को अनुमन्य होगी, वह उसके वारिस को उपलब्ध कराई जाएगी।

अब तक यह थी व्यवस्था

ड्यूटी के दौरान किसी पुलिसकर्मी की दुर्घटना में मृत्यु की दशा में 25 लाख रुपये तथा विशेष जोखिम भरे कार्य के दौरान बलिदान होने की दशा में 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि प्रदान की जाती है। 

दुर्घटना के मामले में पत्नी को 20 लाख रुपये तथा माता-पिता को पांच लाख रुपये प्रदान किए जाने की व्यवस्था थी। जबकि ड्यूटी के दौरान वीरता का प्रदर्शन करते हुए बलिदान होने की दशा में कुल 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि से 40 लाख रुपये पत्नी को तथा 10 लाख रुपये माता-पिता को प्रदान किए जाने की व्यवस्था थी। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार शासनादेश में संशोधन के उपरांत अब किसी अविवाहित पुरुष/महिला कर्मी के माता-पिता अथवा कानूनी वारिस को पूरी अनुग्रह राशि मिल सकेगी।