नई दिल्ली। लोकसभा ने बुधवार रात करीब एक बजे वक्फ संशोधन विधेयक बहुमत से पारित कर दिया। विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े। सदन ने विपक्ष के सभी संशोधनों को भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया। विपक्षी सांसद एनके प्रेमचंद्रन के संशोधन प्रस्ताव पर रात सवा बजे मतदान हुआ, जो 231 के मुकाबले 288 से खारिज हो गया। इसमें बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्य न रखने का प्रस्ताव था। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। अब विधेयक आज यानी बृहस्पतिवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

बिल पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ बिल को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। विपक्ष पार्टियां अल्पसंथख्यकों का डरा रही है। वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड साल 1995 से चल रहा है। सरकारी संपत्ति का दान नहीं किया जा सकता। अपनी संपत्ति का ही दान किया जा सकता है। बिल धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है।अमित शाह ने आगे कहा कि वक्फ की संपत्ति और रखाव के लिए यह बिल लाया गया है। हम चाहते हैं कि वक्फ का पैसे मुसलमान के विकास के लिए खर्च हो। दिल्ली में रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी गई। मंदिरों की जमीन वक्फ को दे दी गई। प्रयागराज स्थित आजाद पार्क की जमीन वक्फ को दे दी गई। मुस्लिम समझ जाएंगे कि बिल उनके पक्ष में हैं।

वक्फ एक कानून, स्वीकार करना होगा-अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह वक्फ पर प्रस्तावित कानून नहीं मानने की धमकी दे रहा, लेकिन यह संसद द्वारा पारित किया गया कानून होगा और इसे सभी को स्वीकार करना पड़ेगा। शाह ने स्पष्ट किया कि इसके कानून का रूप लेने के बाद इसे पूर्व प्रभाव से लागू नहीं किया जाएगा, जबकि (विपक्ष द्वारा) मुस्लिम भाइयों को इस बहाने डराया जा रहा है। शाह ने कहा, “यह पैसा जो चोरी होता है, उसे पकड़ने का काम वक्फ बोर्ड करेगा।” उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके राज्य में (वक्फ की जमीन के लिए) जो मिलीभगत चल रह रही है वह अब नहीं चलेगी।