समाजवादी पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई है। इसका असर खैर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव पर भी पड़ रहा है। जिला स्तर के कुछ पदाधिकारियों की निष्क्रियता चर्चा में है। इसकी शिकायत पार्टी हाईकमान से की गई थी, जिसके बाद कुछ स्थानीय नेताओं से गुटबाजी का फीडबैक लिया गया है। चर्चा है कि उपचुनाव के बाद कुछ नेताओं पर गाज गिर सकती है।

खैर सीट के उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी दल दम लगाए हुए हैं। भाजपा और सपा में कड़ा मुकाबला है। इसी के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर के समर्थन में दो बार चुनावी सभाओं को संबोधित किया, वहीं सपा प्रत्याशी चारू कैन के समर्थन में जनसभा को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संबोधित किया।

समाजवादी पार्टी में प्रत्याशी के चयन को लेकर जिला स्तरीय कुछ नेताओं की नाराजगी की चर्चा काफी समय से है। चुनाव प्रचार के दौरान भी उनकी निष्क्रियता रही। इसकी शिकायत पार्टी हाईकमान से भी की गई। कुछ नेताओं के नाम भी भेजे गए। इस पर लखनऊ और दिल्ली में बैठे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन नेताओं से प्रचार में सक्रियता के प्रमाण भी मांगे। इसका असर उपचुनाव पर पड़ता देख पार्टी हाईकमान ने इसे गंभीरता से लिया और फीडबैक लेना शुरू कर दिया। चर्चा है कि चुनाव के बाद कुछ नेताओं पर पार्टी कार्रवाई कर सकती है।

समाजवादी पार्टी में गुटबाजी नहीं है। सभी नेता अपने-अपने तरीके से प्रचार में लगे हैं। इस पर पार्टी हाईकमान से फीडबैक लिया जाता है। कांग्रेस नेताओं को सभी कार्यक्रमों की सूचनाएं दी गई थीं। मेरा स्वास्थ्य खराब होने के कारण हो सकता है कुछ नेताओं को सूचना न पहुंची हो।– लक्ष्मी धनगर, जिलाध्यक्ष सपा

समाजवादी पार्टी ने कार्यक्रमों की सूचना नहीं दी, यदि सूचना मिलती तो जरूर जाते। सपा ने अखिलेश यादव की सभा में कांग्रेस के झंडे भी नहीं लगाए। गठबंधन धर्म निभाते हुए सपा को कांग्रेस के नेताओं को साथ रखना चाहिए था तथा कांग्रेस के झंडे कांग्रेस पार्टी कार्यालय और कार्यक्रम स्थलों पर लगाने चाहिए थे।– सोमवीर सिंह, जिलाध्यक्ष कांग्रेस

मंच पर नहीं बुलाए गए थे युवा नेता

खैर के कमालपुर क्षेत्र में हुई सपा की जनसभा में युवा फ्रंटलों के नेता मंच पर नहीं दिखाई दिए थे। इसका कारण बताया जाता है कि युवा फ्रंटल के पदाधिकारियों को मंच पर नहीं बुलाया गया था। जनसभा में इसका विरोध भी हुआ था। हालांकि मामला शांत कर दिया गया। एक पदाधिकारी ने बताया कि मंच पर वे नेता बैठे थे जो कभी चुनाव प्रचार में नहीं गए, जबकि जिस मंच पर राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हैं वहां युवा फ्रंटल के अध्यक्षों को जरूर बुलाया जाता है।

कांग्रेस नेता और झंडे रहे नदारद
उपचुनाव में सपा से चारू कैन प्रत्याशी हैं। कांग्रेस गठबंधन में शामिल है, लेकिन कांग्रेस के नेता और झंडे सपा के कार्यक्रम और प्रचार के दौरान दिखाई नहीं दिए। इसका बड़ा कारण यह भी है कि प्रत्याशी के चयन को लेकर दोनों दलों में खटपट है।