आज़मगढ़। या देवी सर्वेभूतेषू शक्तिरूपेण संस्थिता.. मंत्र के साथ मंगलवार को घर से लेकर देवी मंदिरों तक जगत्जननी की आराधना की गई। पूरे दिन शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा की आराधना में शहर लीन रहा। चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की भक्ति-भाव से पूजा की गई। देवी मंदिरों में मां की एक झलक पाने के लिए भक्ताें का जनसैलाब उमड़ पड़ा। माता के दर्शन के लिए भक्तों की सुबह से दोपहर तक कतार लगी रही।
आजमगढ़ शहर के चौक स्थित दक्षिण मुखी देवी मंदिर में सुबह से महिलाओं समेत भारी संख्या में श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने माता रानी को नारियल चुनरी चढ़ाकर मन्नत मांगी और पूजा अर्चना किया। दक्षिण मुखी देवी का विशेष श्रृंगार किया गया था। विशेष आरती की गई। इस प्राचीन मंदिर को फूल मालाओं से सजाया गया था।
विकास खंड पल्हना के मां पाल्मेश्वरी देवी, निजामाबाद के शीतला माता, शहर के करीब स्थित भंवरनाथ मंदिर, माता पूर्वी धाम आहोपट्टी व मुख्य चौक स्थित दक्षिणमुखी देवी मंदिर सभी जगह भक्तों की भारी भीड़ रही। भक्तों में उत्साह, उमंग और मां के दर्शन की आतुरता आयोजन को अद्भुत- अकल्पनीय बना रही थी। प्रतिमाओं की बात की जाए तो प्राय: सभी मंदिरों की प्रतिमाएं अपने भव्य रूप से भक्तों को आत्मविभोर करने वाली हैं। वहीं नौ दिनों तक व्रत रखने वाले भक्तों ने घरों में विधि-विधान से कलशों की स्थापना की। बाद में मां के दरबार में पहुंच मत्था टेका।
इसी प्रकार नवरात्र के प्रथम दिन पल्हना स्थित पाल्हमेश्वरी धाम पर भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों ने मां को नारियल चुनरी आदि चढ़ाकर मन्नते मांगी। कईयों ने बच्चों का मुंडन आदि संस्कार संपन्न कराया। उधर निजामाबाद स्थित मां शीतला धाम पर भक्तों ने मां के दर्शन किए। बाद में कड़ाही आदि चढ़ाकर मन्नते मांगी। पर्व के मद्देनजर पुलिस प्रशासन सर्तक था। इसी तरह पवई में शीतला मंदिर, फूलपुर जगदीशपुर में बुढि़या मां के मंदिर, तहबरपुर में सोढ़हरी गांव में मां बड़ीजनी, दुर्गा माता का मंदिर, सरायमीर में दुर्गा जी मंदिर, सगड़ी के संतपुर गांव में कटाइन माता के मंदिर, धनछूला में चनाराम कालिका मंदिर, घाघरा में कालिका मंदिर, देवगांव में सिद्धेश्वरी माता के मंदिर, जहानागंज टाड़ी में परमज्योति माता के मंदिर में पूरे दिन दर्शन-पूजन को भक्तों का रेला लगा रहा है। पहला दिन होने के कारण देवी मंदिरों में तिल रखने की भी जगह नहीं थी।