लखनऊ। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज के एनआइसीयू में भीषण आग से दस नवजात की मौत के बाद के बाद लखनऊ में भी अग्निशमन विभाग अलर्ट मोड पर है। शनिवार को बिना सुरक्षा इंतजाम के चल रहे 80 अस्पतालों को बंद करने की नोटिस जारी की गई है।

सीएमओ को भेजे गए पत्र के मुताबिक, इन अस्पतालों में कई साल से अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। खास बात यह है कि मानक के विपरीत संचालित अस्पतालों में केजीएमयू और बलरामपुर भी शामिल हैं, जहां रोजाना हजारों की संख्या में प्रदेशभर से मरीज आते हैं। राजधानी में कुल 906 सरकारी, निजी अस्पताल नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं, जिनमें केवल 301 के पास ही एनओसी है।मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) मंगेश कुमार के मुताबिक, लखनऊ में संचालित करीब दो सौ से अधिक अस्पताल अग्नि सुरक्षा के मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं। निरीक्षण के दौरान खामियां मिली हैं। इन्हें पहले भी नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन कोई कोई कदम नहीं उठाए गए।

दरअसल, नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) का मानक पूरा किए बिना ही भवन खड़ा करके मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय से अनुमति लेकर अस्पताल का संचालक शुरू कर दिया जा रहा है। वर्ष 2005 से नेशनल बिल्डिंग कोड की गाइड लाइन लागू होने के बाद अस्पताल खोलने में कठिनाई बढ़ गई है। अस्पताल संचालक मानक पूरे होने का शपथ पत्र देकर सीएमओ कार्यालय से अनुमति ले रहे हैं। शपथ पत्र का न तो कोई भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है न ही अग्नि सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।