रिपोर्ट:अरुण यादव
आजमगढ़। शिब्ली नेशनल कॉलेज, आजमगढ़ द्वारा कॉलेज के संस्थापक, महान विचारक एवं शिक्षाविद अल्लामा शिब्ली नोमानी की याद में आज ‘शिब्ली डे’ का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अल्लामा शिब्ली के शिक्षा, समाज एवं राष्ट्र निर्माण के प्रति विचारों को आगे बढ़ाना रहा। इस अवसर पर विशेष रूप से कॉलेज के विद्यार्थियों को अल्लामा शिब्ली नोमानी के विचारों से परिचित कराया गया और शिक्षा के प्रति उनकी दूरदृष्टि को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम में सबसे पहले कॉलेज की एनसीसी यूनिट द्वारा मुख्य अतिथि को गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया। इसके बाद कॉलेज की परम्परा के अनुरूप कुरआन की तिलावत के माध्यम से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गई। उसके बाद विद्यार्थियों द्वारा कॉलेज का तराना प्रस्तुत किया गया और कार्यक्रम आगे बढ़ा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा ने रोज़गारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने पर बाल दिया। जिसके लिए कॉलेज में स्किल डवलपमेंट आदि के माध्यम से गुणवत्तापरक शिक्षा हेतु प्रेरित किया। अपने संबोधन में कहा कि “अल्लामा शिब्ली के विचारों की गंभीरता का पता इस बात से ही चलता है कि उन्होंने मात्र 26 वर्ष की आयु में ऐसे महान संस्थान की स्थापना की। और उससे भी बड़ी बात यह कि उन्होंने इस संस्थान के नाम में ‘नेशनल’ शब्द का प्रयोग किया। पूरे देश में नेशनल शब्द का प्रयोग करने वाले वो पहले व्यक्ति थे।” इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षकों द्वारा ‘शिब्ली चेयर’ की स्थापना की माँग भी कुलपति के समक्ष उठाई गई। जिस पर कुलपति ने हर सम्भव प्रयास करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आजमगढ़ मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. शौकत अली ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कॉलेज की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. मोहम्मद खालिद ने किया। कार्यक्रम के दौरान आजमगढ़ मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी का प्रतिनिधित्व करते हुए सोसाइटी के संयुक्त सचिव अनवार अहमद ने शिब्ली के उद्देश्य, शिब्ली एकेडमी का प्रतिनिधित्व करते हुए मौलाना उमेर नदवी ने राष्ट्र निर्माण में शिब्ली के योगदान, कॉलेज के शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रो. अलाउद्दीन ने अल्लामा शिब्ली के राजनीतिक विचारों, राजनीतिक क्षेत्र में उनके योगदान एवं धार्मिक समन्वय पर प्रकाश डाला। टीचर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रो. ताहिर ने शिब्ली के शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान, प्रो. सरफराज ने सिब्ली की कविता एवं डॉ. इरम इलमास ने वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे। साथ ही बाद-विवाद प्रतियोगिता एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं ने भी अपनी प्रस्तुतियां रखीं।
इस कार्यक्रम को भव्य रूप में आयोजित करने हेतु पिछले एक महीने से प्रयास किए जा रहे थे। जिसके अंतर्गत पिछले एक महीने से ही कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें विशेष रूप से भाषण एवं वाद-विवाद, निबंध लेखन, कैलीग्राफी, पेंटिंग एवं मेहंदी प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। ‘शिब्ली डे’ के अवसर पर इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी सम्मनित किया गया। साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले कॉलेज के विद्यार्थियों, नेट-जेआरएफ परीक्षा पास करने बाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कॉलेज की मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष अबु साद शमशी, कमेटी के सदस्य डॉ. मोहम्मद अजमल, अतहर रशीद, डॉ. असलम सुल्तान, डॉ. रजीउद्दीन, डॉ. जफर इकबाल, डॉ. कयामुद्दीन आदि सदस्य, कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अफसर अली, सभी अध्यापकगण, नॉन-टीचिंग स्टाफ, मीडिया के पत्रकार, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
यह आयोजन न केवल शिब्ली नोमानी को याद करने के लिए था, बल्कि उनकी शिक्षा, राष्ट्र निर्माण और समाज सुधार की दृष्टि को समझने और अपनाने का प्रेरणास्रोत भी बना।