गोरखपुर/महराजगंज। राजस्थान और देश के कई हिस्सों में लड़कियों के शादी से कुछ दिन पहले बिंदोरी रस्म निभाई जाती है। इस रस्म में लड़की घोड़ी पर बैठती है और बैंड बाजा, डीजे के साथ बिंदोरी निकाली जाती है।

इस विंदोरी रस्म को सिसवा बाजार के एक मारवाड़ी परिवार द्वारा निकाला गया, जिसकी नगर के लोगों ने खुले दिल से सराहना की।  सिसवा कस्बे के किराना व्यवसायी सज्जन अग्रवाल और बबिता अग्रवाल ने बिटिया की बिंदोरी, राजस्थान में मारवाड़ी समाज के शादी के परम्परा को अपनाया। सिसवा में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मारवाड़ी परिवार ने इस परंपरा को अपनाते हुए वैवाहिक संस्कार को आगे बढ़ाया। 

सिसवा में भी बेटी निधि अग्रवाल की शादी के कुछ दिन पहले सज्जन अग्रवाल ने बिंदोरी निकाली। इसमें दूल्हे की तरह लड़की घोड़ी पर सवार हुई और बारात निकाली गई, जिसमे बैंड बाजा और डीजे की धुन पर परिवार रिश्तेदार,इष्ट मित्र और लड़की की सखियां नाचते गाते नगर में भ्रमण किया। इस दृश्य को देख नगर के लोगों ने जम कर प्रशंसा की। इस रस्म के विषय में लड़की के पिता सज्जन अग्रवाल ने बताया कि  समाज में ये संदेश दिया जाता है कि बेटा-बेटी समान है तो फिर शादी के समय लड़का ही घोड़ी पर क्यों बैठता है? लड़की घोड़ी पर क्यों नहीं बैठ सकती? इसी सोच के साथ इस परंपरा की शुरुआत हमने सिसवा से की है।

जब स्थानीय श्याम मंदिर से बिटिया की बिंदोरी निकली तो इस पहल की हर कोई प्रशंसा कर रहा था। वहीं, इस अनुठे परम्परा से समाज को एक नया संदेश मिला है कि हमारी बेटियां बेटों से कहीं भी कम नहीं हैं ।