लखनऊ। मायावती ने जौनपुर के बाद बस्ती में भी बसपा प्रत्याशी बदल दिया है। बस्ती से घोषित दयाशंकर मिश्रा की जगह लवकुश पटेल को टिकट दिया गया है। इससे पहले जौनपुर में धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकलां का टिकट काटते हुए श्याम सिंह यादव को दोबारा मौका दिया है। जौनपुर में ठाकुर और बस्ती में ब्राह्मण प्रत्याशी का टिकट काटकर दोनों इलाकों में ओबीसी प्रत्याशियों को उतार दिया गया है। इसे मायावती की खास रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। इस बदलाव से जहां भाजपा ने राहत की सांस ली है तो सपा-कांग्रेस की परेशानी बढ़ गई है। दोनों सीटों पर प्रत्याशी बदले जाने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बसपा पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि बसपा को वोट देने का मतलब अपना वोट खराब करना है। वो लोग भाजपा का साथ दे रहे हैं, चाहे सामने से चाहे पीछे से साथ दे रहे हैं। अखिलेश ने बसपा के वोटरों से कहा कि इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि अपना वोट मत खराब कीजिए। कहा कि बहुजन समाज पार्टी का रास्ता कुछ और है।
बस्ती में पहले प्रत्याशी घोषित किए गए दयाशंकर मिश्रा की गिनती भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में होती थी। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर बसपा में शामिल हो गए थे। बसपा से टिकट भी मिल गया। दयाशंकर मिश्रा का टिकट कटने से भाजपा ने राहत की सांस ली है। भाजपा ने यहां से हरीश द्विवेदी को उतारा है। इससे ब्राह्मण वोटों के बंटने का खतरा बढ़ गया था। अब ओबीसी नेता लवकुश पटेल के उतरने से सपा-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इसी तरह की स्थिति जौनपुर में भी बना रही है। यहां से भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को उतारा है। बसपा ने धनंजय की पत्नी श्रीकलां को उतारकर ठाकुर मतों में बिखराव तय कर दिया था। अब श्रीकलां की जगह श्याम सिंह यादव के उतरने से जहां भाजपा ने राहत की सांस ली है तो सपा की परेशानी बढ़ रही है। पिछली बार श्याम सिंह यादव सपा-बसपा के संयुक्त प्रत्याशी थे। इस बार भी श्याम सिंह यादव सपा से टिकट के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे। जब बाबू कुशवाहा को सपा ने टिकट दिया तो श्याम सिंह ने नाराजगी सार्वजनिक भी की थी। एक लेटर जारी कर अखिलेश यादव को उनकी बातें याद दिलाई थीं। इसके साथ ही चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था। अब बसपा से दोबारा टिकट मिलने पर श्याम सिंह यादव गदगद हैं। उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है।