
राजीव चौहान/ एसपी त्रिपाठी
आज़मगढ़। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नई जिला इकाइयों के ऐलान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। आज़मगढ़ जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जिससे गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। गुटबाजी का ही असर रहा कि जिला चुनाव अधिकारी के सामने जमकर एक पूर्व जिलाध्यक्ष के पक्ष में नारेबाजी की गई। पूर्व जिलाध्यक्ष के पक्ष में की गई नारेबाजी को पार्टी हाईकमान ने काफी गंभीरता से लिया है । यही नहीं सूत्रों की माने तो पार्टी हाई कमान कार्रवाई के मूड में है।
बताते चले कि रविवार को चुनाव अधिकारी जयपाल जी मस्त और धर्मेंद्र सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष ने आज़मगढ़ और लालगंज के जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा की। जिसमे आज़मगढ़ से ध्रुवकुमार सिंह और लालगंज से विनोद राजभर के नाम की घोषणा हुई । इसी दौरान पार्टी कार्यालय पर एक पूर्व जिलाध्यक्ष के समर्थकों ने नारेबाजी की। इस नारेबाजी से जिला चुनाव अधिकारी और प्रदेश उपाध्यक्ष भी नाराज दिखे। कारण, नाम की घोषणा होने से पहले ही उन्होंने बता दिया गया था कि अगर घोषित जिलाध्यक्ष के नाम से अगर किसी आवेदक या नेता को कोई समस्या हो तो वह सार्वजनिक तरीके से विरोध के बजाय पार्टी के उपयुक्त फोरम पर अपनी बात रखेगा।
आज़मगढ़ में पार्टी में इस गुटबाजी की गूंज प्रदेश मुख्यालय पर भी सुनाई दी। रही सही कसर दूसरे गुट ने पूरी कर दिया। दूसरे गुट ने मोबाइल में कैद किये वीडियो को सबूत के तौर पर शीर्ष नेतृत्व को पकड़ा दिया। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने इसे गंभीरता से लिया है और कार्रवाई के मूड में है।
पार्टी के सूत्र बता रहे है कि काफी मंथन के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व एक पूर्व जिलाध्यक्ष सहित दो लोगों पर कार्रवाई कर सकता है।