लखनऊ। मेवाड़ के राजा राणा सांगा को समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन द्वारा ‘गद्दार’ कहे जाने पर विवाद गहराने के बाद पार्टी बैकफुट पर नजर आ रही है। मामले में चौतरफा विरोध हो रहा है। सोमवार को आगरा में इसे लेकर अखिलेश और सुमन के विरुद्ध वाद दायर किया गया था। बुधवार को आगरा में राज्यसभा सदस्य के घर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की। वहीं, सपा प्रमुख ने एक्स पर पोस्ट कर सफाई दी। उन्होंने लिखा कि सपा मेवाड़ के राजा राणा सांगा की वीरता और राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं कर रही।

रामजीलाल ने पिछले दिनों राज्यसभा में कहा था कि ‘भाजपा के लोगों का ये तकिया कलाम बन गया है कि इनमें बाबर का डीएनए है। मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को आखिर लाया कौन? इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा लाया था। मुस्लिम अगर बाबर की औलाद हैं तो तुम लोग उस गद्दार राणा सांगा की औलाद हो।’ रविवार को अखिलेश यादव ने भी यह कहकर उनके बयान का समर्थन किया था कि ‘भाजपा इतिहास के पन्ने पलट रही है। उन्हीं इतिहास के कुछ पन्नों को राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन ने भी पलट दिया।’

बुधवार को रुख बदलते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं हो सकता। भाजपा ने इतिहास के कुछ विषयों को सदैव राजनीतिक लाभ और देश को धार्मिक-जातिगत आधार पर विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया है। हमारे राज्यसभा सदस्य ने सिर्फ एक पक्षीय लिखे गए इतिहास और व्याख्या का उदाहरण देने की कोशिश की है। हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है। आज के समय में बीते कल की, मतलब इतिहास की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती। राज काज के निर्णय अपने समय की परिस्थितियों की मांग के हिसाब से लिए जाते थे। भाजपा सरकार को अपनी भेदकारी आदत को सुधार कर जनता के रोजी-रोजगार, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर कुछ ध्यान देना चाहिए।’

सुमन के आवास पर हमले को लेकर योगी पर निशाना

अखिलेश यादव ने सुमन के घर पर तोड़फोड़ को लेकर मुख्यमंत्री योगी पर निशाना भी साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा, आगरा में मुख्यमंत्री जी के उपस्थित रहते हुए भी, पीडीए के एक सांसद के घर पर तोड़फोड़ की हिंसक वारदात जब रोकी नहीं जा सकती, तो फिर जीरो टालरेंस तो जीरो होना ही है। क्या मुख्यमंत्री जी का प्रभाव क्षेत्र दिन पर दिन घट रहा है या फिर ‘आउटगोइंग सीएम’ की अब कोई सुन नहीं रहा है। अगर वो अभी भी मुख्यमंत्री हैं तो तुंरत कार्रवाई करें और दोषियों को एआइ से पहचानकर दंडित करें, नहीं तो मान लिया जाएगा कि पीडीए सांसद के खिलाफ ये सब उनकी अनुमति से हुआ है।