आजमगढ़।  पुलिस लाइन में आरक्षी सीधी भर्ती-2023 की डीवी (दस्तावेज सत्यापन) और पीएसटी (शारीरिक मानक परीक्षण) की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया में अभ्यर्थी भूपेंद्र सिंह का बायोमैट्रीक परीक्षण में फोटो मिसमैच हो रहा था। पूछताछ में पता चला कि उक्त आरोपी ने उम्र कम करने के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अनुचित लाभ लेने का प्रयास किया गया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उप्र. पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की प्रक्रिया पुलिस लाइन में चल रही है। भर्ती बोर्ड का कार्यालय बनाकर नियमानुसार टीम गठित की गई है।

उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का बायोमैट्रीक एवं अभिलेखों का परीक्षण किया जा रहा है। प्रथम दल में प्रशांत कुमार अध्यक्ष उपजिलाधिकारी मेंहनगर, गौरव शर्मा सदस्य पुलिस उपाधीक्षक, डा. निखिलेश चौरसिया सदस्य अस्थीरोग विशेषज्ञ 100- शैया चिकित्सालय फूलपुर, विरेंद्र प्रताप सिंह सदस्य सहजिला विद्यालय निरीक्षण आजमगढ़ एवं रफी आलम सदस्य निरीक्षक अपराध कोतवाली शामिल हैं। चार जनवरी 2025 को बायोमैट्रीक जांच के लिए फाइल नंबर 60 रजिस्ट्रेशन नं. 11186668 पर भूपेंद्र सिंह निवासी जिगनी खास थाना गड़वार जनपद बलिया बायोमैट्रीक परीक्षण के लिए भर्ती बोर्ड कार्यालय उपस्थित हुए।

टीम ने इनका बायोमैट्रीक परीक्षण इनोवेटिव विव प्राईवेट लिमिटेड के बायोमैट्रीक आपरेटर गौरव कुमार निवासी ग्राम किशुनदासपुर थाना कंधरापुर द्वारा किया गया तो फोटो मिसमैच हो रहा था। इसपर भूपेंद्र सिंह की शैक्षणिक अभिलेखों की जांच वीरेंद्र प्रताप सिंह सह जिला विद्यालय निरीक्षण के द्वारा की गई। भूपेंद्र सिंह से पूछताछ किया गया तो बताया कि वह हाई स्कूल परीक्षण सीबीएससी बोर्ड से वर्ष 2012 में अनिता मेमोरियल स्कूल मालदेयपुर बलिया से एवं इंटर मीडिएट यूपी बोर्ड से 2016 में पास किया था। अनुचित लाभ पाने के लिए कूटरचित दस्तावेज से अपनी आयु को कम कराकर फिर से हाई स्कूल परीक्षा वर्ष 2021 एवं इंटरमीडिएट परीक्षा वर्ष 2023 में उत्तीर्ण किया है।

आधारकार्ड में उसकी जन्मतिथि 29 नवंबर 1996 अंकित है। इस दस्तावेज से वह पुलिस में भर्ती नहीं हो पाता। इसलिए उसने कूटरचित दस्तावेज को लगाकर अपनी जन्मतिथि में लगभग आठ वर्ष अंतर कराकर 28 नवंबर 2004 का जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर उक्त परीक्षा में फार्म भरते समय लगाया था। इस प्रकार से आरोपी भूपेंद्र सिंह के द्वारा अनुचित लाभ पाने के उद्देश्य से जन्मप्रमाण पत्र का कूटरचित जानते हुए प्रयोग किया गया है। डीवी व पीएसटी की प्रक्रिया पूरी होने पर आरोपी भूपेंद्र सिंह को शनिवार को हिरासत में लिया गया।