लखनऊ। प्रदेश की नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव में गठबंधन तार- तार नजर आया। सपा और कांग्रेस के नेता बयान में गठबंधन की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन सपा के मंच पर न तो प्रदेश अध्यक्ष अजय राय व प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय नजर आए और न ही अन्य कोई वरिष्ठ नेता। ये दोनों नेता वायनाड के बाद महाराष्ट्र चुनाव में जोर लगा रहे हैं।

प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। मनचाही सीटें नहीं मिलने की वजह से कांग्रेस ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने दावा किया कि गठबंधन जारी रहेगा। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान सपा के मंच से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नदारद रहे। रस्मअदायगी के तौर पर संबंधित विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी कहीं- कहीं मौजूद रहे। 

कांग्रेस के नेता पहले वायनाड और अब महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति आम आदमी पार्टी और अन्य दलों की भी रही। ऐसे में यह चुनाव समाजवादी पार्टी अकेले लड़ रही है। गठबंधन में शामिल अन्य दलों ने पूरी तरह से किनारा कर लिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्ट्री ने तो कई सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं, जबकि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के भदोही लोकसभा सीट पर गठबंधन के तहत उम्मीदवार उतारने वाली तृणमूल कांग्रेस भी नदारद दिखी। 

इस संबंध में सपा के राष्ट्रीय सचिव व मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि गठबंधन में शामिल सभी दलों को चुनाव प्रचार में जुटना चाहिए था। हालांकि कांग्रेस को लेकर वह किसी तरह की टिप्पणी नहीं करते हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि वायनाड से लौटने के बाद उन्हें महाराष्ट्र बुला लिया गया। महाराष्ट्र की कई सीटों पर पूर्वांचल के लोग हैं। ऐसे में वे महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। यूपी उपचुनाव में पार्टी ने स्थानीय नेताओं को लगाया गया है।