लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी में सपा कार्यकर्ताओं द्वारा महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अपमान की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है । सीएम ने कहा कि घटना में शामिल लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष माफिया, दंगाइयों और आतंकियों को प्रश्रय देने वाले लोगों को प्रोत्साहित करते हैं और महिमामंडन करते हैं। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रनायकों का अपमान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने सपा पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि 2012 में प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद सपा ने अयोध्या में रामजन्मभूमि, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ की कचहरियों के साथ ही रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमों को वापस लेने का कुत्सित प्रयास किया था। हाल ही में एक कुख्यात माफिया की मौत हुई तो वोट बैंक बचाने के लिए सपा अध्यक्ष खुद उस माफिया के घर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान रामभक्तों पर गोली चलवाए थे। यही नहीं, उस समय मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह के निधन पर सामान्य शिष्टाचार के तहत शोक तक व्यक्त करने से परहेज किया था।
मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप की मूर्ति का अपमान करने के लिए सपा नेताओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह व्यवहार केवल सपा का ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में राहुल गांधी का भी रहा था। जब वहां एक समर्थक ने उन्हें छत्रपति शाहू जी महाराज की मूर्ति देने का प्रयास किया तो उन्होंने लेने से इंकार कर दिया था। सीएम ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि ये राष्ट्रनायकों का सम्मान नहीं, बल्कि आतंकियों, माफिया और पाकिस्तान का महिमामंडन करने वाले लोग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोई नेता बेशर्मी का चोला ओढ़ लेता है और स्वार्थ की राजनीति करता है, उसका स्वार्थ उसके परिवार तक सीमित होता है तो उसके द्वारा ऐसी उसे घटनाएं होना स्वाभाविक है।