
आजमगढ़ । राजस्थान प्रान्त के जयपुर में बम ब्लास्ट से जुड़े एक अहम मामले में विशेष कोर्ट ने 17 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है। साल 2008 में हुए भीषण आतंकी हमले से जुड़े एक प्रकरण में विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने 4 आतंकियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों में मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुरहमान, मोहम्मद सैफ और शाहबाज अहमद शामिल हैं। जिसमें तीन आरोपी सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी जनपद आजमगढ़ के रहने वाले हैं।
यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था। करीब 17 साल पहले 13 मई 2008 को हुए जयपुर सीरियल बम धमाके के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में अब विशेष अदालत ने पिछले 4 अप्रैल शुक्रवार को सभी 4 आरोपियों को दोषी ठहराया था। जहां सभी को कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121-ए, 124-ए, 153-ए, 307, यूएपीए एक्ट 1967 की धारा 18, और विस्फोटक अधिनियम 1908 की धारा 4 व 5 के तहत दोषी माना। जिसमें एक शाहबाज आलम वह भदोही जिले के रहने वाला है। जबकि तीन आरोपी सैफुर्रहमान पुत्र रहमान, निवासी मोहल्ला बदरका, नगर कोतवाली, आजमगढ़, दूसरे मोहम्मद सैफ पुत्र शादाब उर्फ मिस्टर, निवासी संजरपुर, थाना सरायमीर, आजमगढ़ तथा वहीं तीसरे मोहम्मद सरवर आजमी पुत्र हनीफ, निवासी चांदपट्टी, थाना रौनापार आजमगढ़ के हैं। आज सभी चारों आरोपियों को विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।