आजमगढ़। जनपद में संचालित 333 मदरसों में से 219 का अस्तित्व ही नहीं है। अब इन अस्तित्वहीन मदरसों के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। ईओडब्ल्यू के निरीक्षक कुंवर ब्रह्म प्रकाश सिंह की तहरीर पर कंधरापुर थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें मदरसा प्रबंधक रुमाना बानो के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।

एक सप्ताह पूर्व आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंची थी और इन मदरसों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर तैयार की गई थी। तहरीर के मुताबिक, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अभिलेखों के आधार पर मदरसा अजीजिया खड़गपुर कंधरापुर को अस्तित्वहीन मदरसों की श्रेणी में पाया। इस मदरसे को 5 फरवरी 2009 में तहतानिया स्तर की अस्थायी मान्यता दी गई थी। यह मान्यता तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रभात कुमार और लिपिक वक्फ ओम प्रकाश पांडेय ने दी थी।

मदरसे की ओर से मदरसा पोर्टल पर तहतानिया स्तर के 03 कक्ष 300 वर्गफीट माप के दर्शाए गए हैं, जबकि मौके पर मदरसा संचालित होते नहीं मिला। बाद में भारतीय जनता इंटर कॉलेज को मदरसा बताया गया। लेकिन यहां के बच्चों ने खुद को कॉलेज का ही छात्र बताया था, न कि मदरसे का। पोर्टल पर दर्ज सूचना के अनुसार, मदरसे में तहतानिया स्तर के 110 छात्र पढ़ते हैं। लेकिन यह बात भी जांच में गलत पाई गई।
तहरीर में कहा गया कि अस्तित्वहीन मदरसे की प्रबंधक रुमाना बानो ने आपराधिक षड्यंत्र कर धोखाधड़ी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय धनराशि व अनुदान के गबन का प्रयास किया है। इस पर कंधरापुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।