मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में शहर कोतवाली पुलिस ने बेरोजगार युवकों को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में पास कराने के नाम पर फर्जी सॉल्व प्रश्नपत्र बेचने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। पुलिस इस गिरोह के पांच आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भिजवा चुकी है। दो आरोपी कोर्ट में पेश होकर जेल चले गए थे। गिरफ्तार आरोपी को पुलिस तीन माह से तलाश रही थी।
शहर कोतवाली प्रभारी महावीर सिंह ने बताया कि बुधवार को शहर कोतवाली पुलिस टीम ने जानसठ में खतौली मार्ग पर एक बेकरी से बिजनौर के नवाब का अहाता निवासी गौरव कुमार को गिरफ्तार किया। वह वर्तमान में मेरठ जनपद के हस्तिनापुर में रह रहा था। उसके कब्जे से मोबाइल व एक डोंगल बरामद की है। वह उप्र पुलिस भर्ती परीक्षा में फर्जी सॉल्व प्रश्न पत्र तैयार कर बेचने वाले गिरोह का सरगना है। उसकी फरवरी माह से तलाश थी।
बताया गया कि इस गिरोह के सदस्यों के खिलाफ जनपद शामली, मुजफ्फरनगर, नोएडा व मेरठ में भी मुकदमे दर्ज हैं। वह फरारी काटने के लिए एक स्थान पर ज्यादा समय नहीं रहता था।
बेहद शातिर है गौरव
गिरफ्तार गौरव बेहद शातिर है। पुलिस को धोखा देने के लिए वह मोबाइल फोन का सामान्य तौर पर प्रयोग नहीं करता था। वह इंटरनेट की डोंगल की मदद से इंटरनेशनल मोबाइल नंबर चला रहा था और व्हाट्सअप कॉल करता था।
एसटीएफ लगी थी पीछे
गौरव के पीछे एसटीएफ लगी हुई थी। उसके गिरोह के सदस्य मोनू मलिक को एसटीएफ ने झांसी से पकड़ा था। एसटीएफ से पहले शहर कोतवाली पुलिस ने उसे पकड़ लिया। इस गिरोह के पांच आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया था। दो आरोपी कोर्ट में हाजिर हो गए थे।
ठगे थे लाखों रुपये
गिरोह ने पिछले साल नवंबर माह में ग्रामीण डाक सेवा की परीक्षा में पास कराने के नाम पर 123 परीक्षार्थियों से एडवांस में 12 लाख 30 हजार रुपये वसूले थे। जुलाई-अगस्त माह में बीडीओ की परीक्षा के पेपर में तीन लाख रुपये प्रति परीक्षार्थी से लेकर लाखों रुपये वसूल किए थे। पुलिस भर्ती परीक्षा में आरोपियों के संपर्क में लगभग 40 परीक्षार्थी थे। एक परीक्षार्थी से चार लाख रुपये तय थे।