आगरा।  आगरा में परिवार परामर्श केंद्र में पहले पति-पत्नी के बीच मोबाइल पर बात करने या घरेलू विवाद के झगड़े सामने आ रहे थे। इन दिनों महिलाओं में गुटका के प्रति दीवानगी से टकराव के मामले बढ़े हैं। काउंसलर ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की लेकिन पति को छोड़ देने लेकिन गुटका न छोड़ने की बात पर वो भी चकरा जा रहे हैं।

केस-1

आगरा में शिक्षक पति ने पत्नी को एक साल पहले गुटका खाने की लत से परेशान होकर घर से निकाल दिया था। एक साल मायके में रहने के बाद पुलिस से मदद की गुहार लगाई। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। काउंसलिंग के दौरान पत्नी ने पति के सामने शर्त रख दी। कहा कि ज्यादा नहीं तो दिन में एक बार गुटका जरूर खाएगी। वह पति के बिना रह सकती है मगर, गुटका खाए बिना नहीं। पति के शर्त मानने पर समझौता हुआ।

केस-2

सदर थाना क्षेत्र में जूता कारीगर पत्नी के गुटका खाने और बुलेट चलाने के खर्च से कर्ज में आ गया। रोक-टोक की तो पत्नी-पत्नी के बीच झगड़ा हो गया। पत्नी मायके आकर रहने लगी। पुलिस से शिकायत की। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। काउंसिलिंग के दौरान पत्नी ने कहा कि वह पति को छोड़ सकती है। गुटका खाना और बुलेट चलाना नहीं। अगर , पति को फैसला मंजूर हो तो ले चले ससुराल।

काउंसलर डॉ. अमित गौड़ ने बताया कि पहले मोबाइल और सास विवाहिताओं के लिए झगड़े की वजह बनता था। अब गुटका भी वजह बन रहा है। पति-पत्नी दोनों को समझाने की बहुत कोशिश की जाती है। गुटके की दीवानगी समझौते पर असर डाल रही है।