
अलीगढ़। शनिवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) पहुंचे आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष व नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद से छात्रों को सुरक्षा गार्डों ने नहीं मिलने दिया। एक पुलिसकर्मी ने एक छात्र को खींच लिया।
शोधार्थी इंजमाम उल हक साथियों के साथ चंद्रशेखर से मिलकर सवाल करना चाहता थे। वहां सुरक्षाकर्मी ने उसे रोका। नहीं माना तो उसे खींच लिया। इस पर अन्य छात्र भी नाराज हो गए। गार्डों से कहासुनी व धक्का-मुक्की तक हुई।
छात्र नेता ने कहा कि आजाद के एक पुराने बयान, जिसमें उन्होंने आस्था को संविधान से ऊपर होने की बात कही थी। उसको लेकर समाजवादी पार्टी के छात्रसभा के राष्ट्रीय सचिव अदनान हमीद और एएमयू छात्र नेता-रिसर्च स्कॉलर इंजमाम उल हक ने उनसे इस ब्यान पर जब स्पष्टीकरण मांगा तो वह आग बबूला हो उठे। पूछे गए सवाल पर साफ़ बचते हुए नजर आए और वहां मौजूद पुलिस प्रशासन ने उन्हें सभागार से बाहर निकालने का प्रयास किया।
सपा नेता- आजाद दोहरी राजनीति करते हैं
सपा नेता अदनान हमीद ने कहा कि आजाद दोहरी राजनीति करते हैं। उन्हें केवल मुसलमानों से वोट लेना है और जब बात मुसलमानों के मुद्दे की आती है तो वो किनारे हो जाते हैं। लोगों को पार्टी में नेतृत्व क्यों नहीं दिया जा रहा। छात्र नेता आरोप लगाया है कि आजाद के साथ आए सुरक्षा कर्मियों ने उसकी शेरवानी पकड़ ली। जान से मारने की दी कि बाहर आकर देखेंगे।अमुटा के पदाधकारियों से कहा कि एएमयू को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे। आजाद शुक्रवार को एएमयू टीचर्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।
एएमयू के साथ हर समय खड़ा रहूंगा
एएमयू में अमुटा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष व नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भाजपा निशाना साधा। साथ ही एएमयू को सर सैयद की जमीन बताते हुए तारीफ की। कहा कि मैं एएमयू के साथ हर समय खड़ा रहूंगा। भाजपा के लोग क्या कहते हैं, किस तरह मदद करते हैं। इस बात को समझना जरूरी है। जब मथुरा में मेरे साथियों पर पथराव हुआ, मैं बता नहीं सकता कि मैं किस हालात में हूं।
फिर भी यहां आया। मानवता को मानता हूं। सभी को अपना मानता हूं। सभी समता के रास्ते आए। मुल्क ने तरक्की की है। मुस्लिमों ने बहुत कोशिश की है। हमें हारना नहीं चाहिए। कोशिश और मजबूत करें। कहा कि लोकसभा में जो प्रश्न आप सुनते हो न, वो घंटों पहले सबमिट किए जाते हैं। किसी के पास जाने से बनते हैं। सत्ता में बैठे लोग कोशिश करते हैं कि हमारे भी सवाल आएं।सदन को गुमराह कर लोगों की बात करते हैं। मैं सबकी बात करने की कोशिश करता हूं। पिछले साल 85 सवाल रखे। गरीबों के हक के सवाल रखता हूं। लिस्ट में अपना नाम कभी डेढ़ सौ नंबर पर कभी दो सौ नंबर पर देखता हूं। कभी पचास। मैं सोचता हूं कुदरत मेरे साथ नाइंसाफी क्यों करे। मैं हारने वाला नहीं। मैं अवसर तलाशता हूं। कोशिश करता हूं कि अवसर मिले और कोई न कोई विषय उठाऊं। जितने सवाल कम समय में मैंने उठाए हैं। वे किसी ने नहीं उठाए हैं।